Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Jul, 2024 11:11 AM
सावन का महीना शिव-शंकर का महीना है। इस महीने में किए गए जप, तप, व्रत ध्यान का फल शिव-शंकर देते हैं। इस पर अच्छा संयोग यह है कि कामिका एकादशी का पर्व बृहस्पतिवार को मनाया जाएगा।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Kamika Ekadashi 2024: सावन का महीना शिव-शंकर का महीना है। इस महीने में किए गए जप, तप, व्रत ध्यान का फल शिव शंकर देते हैं। कामिका एकादशी सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पूजी जाती है। जो इस वर्ष 31 जुलाई,बुधवार को पड़ रही है। ऐसे में कामिका एकादशी का व्रत रखने वाले को भगवान विष्णु, शिव व देवी दुर्गा के व्रत का पुण्य मिलेगा। शास्त्रनुसार यह एकादशी श्री हरि विष्णु के पूजन हेतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। शास्त्रनुसार कामिका एकादशी कष्टों का निवारण करने वाली व मनोवांछित फल प्रदान करने वाली है। मान्यतानुसार इस एकादशी की कथा श्रीकृष्ण ने धर्मराज को सुनाई थी। इससे पूर्व राजा दिलीप को वशिष्ठ मुनि ने सुनायी थी। जिसे सुनकर उन्हें पापों से मुक्ति प्राप्त हुई। पुराणों में कामिका का बड़ा ही पुण्य बताया गया है। पद्पुराण के अनुसार जो व्यक्ति कामिका एकादशी का व्रत करता है, उसे संपूर्ण पृथ्वी दान करने का पुण्य प्राप्त होता है तथा जीवात्मा को पाप से मुक्ति मिलती है।
शास्त्रों में कामिका एकादशी का व्रत रखने हेतु नियम बताए गए हैं। शास्त्रनुसार दशमी के दिन शुद्ध आहार ग्रहण करना चाहिए। सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए। एकादशी के दिन प्रातः काल स्नानादि से पवित्र होकर संकल्प करके श्रीहरि के विग्रह की पूजा करनी चाहिए। भगवान विष्णु को फूल, फल, तिल, दूध, पंचामृत आदि नाना पदार्थ अर्पित करने चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी का पत्ता चढ़ाएं तथा घी अथवा तिल का दीपक जलाएं। जो व्यक्ति ऐसा करता है उसके पितृगण पितर लोक में आनंद मनाते हैं और उनकी सद्गगति होती है। ऐसा व्यक्ति मृत्यु के बाद उत्तम लोक में जाता है।
कामिका एकादशी में पके हुए फलों का सेवन करना वर्जित माना गया है। रात में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करके अगले दिन किसी ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद स्वयं भोजन करना चाहिए। जिनके लिए यह नियम कठिन हो वह एकादशी के दिन सादा व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करें और श्रीहरि का ध्यान करें।
क्या करें खास
समृद्धि में वृद्धि हेतु: भगवान विष्णु के मंदिर में शंख अर्पित करें।
संतान प्राप्ति हेतु: भगवान विष्णु पर हल्दी चढ़ाकर नित्य नाभि पर तिलक करें।
धन प्राप्ति हेतु: भगवान विष्णु पर चढ़ी हल्दी, पीले कपड़े में एक साबूत लाल मिर्च के साथ बांधकर तिजोरी में रखें।
रोग मुक्ति हेतु: भगवान विष्णु पर गुड़-चना चढ़ाकर काली गाय को खिलाएं।
शीघ्र विवाह हेतु: भगवान विष्णु पर 11 केले चढ़ाकर किसी बटुक ब्राह्मण को दान करें।