Edited By Niyati Bhandari,Updated: 31 Mar, 2020 09:11 AM
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काफी लोगों के मन में कफ्र्यू/लॉकडाऊन, मौसम तथा कोरोना वायरस के खौफ से नवरात्रों के दौरान असमंजस की स्थिति है और अब श्री दुर्गा अष्टमी तथा कन्या पूजन को लेकर भी है। अष्टमी पहली
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जालंधर (धवन): काफी लोगों के मन में कफ्र्यू/लॉकडाऊन, मौसम तथा कोरोना वायरस के खौफ से नवरात्रों के दौरान असमंजस की स्थिति है और अब श्री दुर्गा अष्टमी तथा कन्या पूजन को लेकर भी है। अष्टमी पहली अप्रैल बुधवार को पूरा दिन रहेगी। ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू के अनुसार कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त पहली अप्रैल को अमृतकाल में सुबह 9 से 10.50 बजे तक रहेगा। अशुभ राहु काल का समय दोपहर 12.27 से 2 बजे तक है। विजय मुहूर्त दोपहर 2.32 से 3.22 तक रहेगा। उन्होंने कहा कि कई लोग रामनवमी वाले दिन कन्या पूजन करते हैं जिसका समय भी सुबह 9 से 11 बजे तक रहेगा। देश, काल तथा पात्र अर्थात परिस्थिति अनुसार जितना भी क्रियात्मक रूप से संभव हो, आप अपने घर परिवार में ही पूजा-पाठ कर सकते हैं।
वर्तमान में मोबाइल के वीडियो कॉलिंग, कॉन्फ्रैंसिंग आदि से भी 9 कन्याओं को जोड़कर कन्या पूजन किया जा सकता है।
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उनके उपहार संकल्प करके अपने पास घर में रखे जा सकते हैं तथा हालात ठीक होते ही उन्हें भिजवा दिया जाए या उनके अभिभावकों के अकाऊंट में ऑनलाइन राशि ट्रांसफर की जा सकती है। कफ्र्यू में ढील के समय भी यह दान किया जा सकता है।
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कन्या पूजन वाले दिन या तो पारम्परिक तौर पर दुर्गा अष्टमी को कन्या पूजन करके व्रत आदि का उद्यापन करवाया जाता है। अष्टमी पर 9 वर्ष तक की 9 कन्याओं तथा एक बालक को अपने निवास पर आमंत्रित करने का प्रावधान है।
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