Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा पर न पड़ जाए साजिश का काला साया !

Edited By Prachi Sharma,Updated: 06 Jul, 2024 07:30 AM

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हाथरस हादसे में साजिश और आपराधिक कृत्य की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। शासन द्वारा गठित एस.आई.टी इस दिशा में जांच भी कर रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हादसे

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गाजियाबाद (संजीव शर्मा): हाथरस हादसे में साजिश और आपराधिक कृत्य की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। शासन द्वारा गठित एस.आई.टी इस दिशा में जांच भी कर रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हादसे में साजिश की बात कह चुके हैं। इसके अलावा बाबा साकार हरि ने भी अपनी जान बचाने के लिए हादसे को असामाजिक तत्वों की साजिश बताया है। 

हाथरस में हुए धार्मिक आयोजन के बाद अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के रूप में प्रदेश का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होने जा रहा है। यूं तो कांवड़ यात्रा हमेशा से ही प्रदेश सरकार के लिए चुनौती भरा आयोजन रहा है लेकिन जिस तरह से हाथरस में धार्मिक आयोजन के दौरान हुए हादसे में साजिश की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं, उससे कांवड़ यात्रा पर भी साजिश के काले साए की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। माना जा रहा है कि कांवड़ यात्रा में साजिश की संभावनाओं का पता लगाना यूपी पुलिस और खुफिया विभाग के लिए कड़ी चुनौती साबित होगा।

हाथरस हादसे के बाद चेते उत्तर प्रदेश के शासन ने कांवड़ यात्रा को सुरक्षित माहौल में सफल बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। सावन की शिवरात्रि से करीब एक माह पूर्व उत्तर प्रदेश में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। चर्चा है कि शनिवार को प्रदेश के प्रमुख सचिव और डी.जी.पी मेरठ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कांवड़ यात्रा को लेकर बैठक करने आ रहे हैं। इससे पहले जिला पुलिस ने भी बैठक कर यात्रा की तैयारियों का खाका तैयार कर लिया है। जिला स्तर पर भी बैठकों का दौर जारी है। 

बता दें कि कांवड़ यात्रा को सुरक्षित माहौल में सफलता पूर्वक संपन्न कराना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री कांवड़ यात्रा के सफल आयोजन को अपनी सरकार की उपलब्धि बताते रहे हैं। वह अपनी इस उपलब्धि का चुनावी मंचों पर गुणगान करते रहे हैं लेकिन हाथरस हादसे में हुई 121 लोगों की मौत के बाद इस बार कांवड़ यात्रा सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील होने जा रही है। इसकी बड़ी वजह यह भी है कि कांवड़ यात्रा हरिद्वार से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर और गाजियाबाद से होकर गुजरती है। 

रास्ते में मिश्रित आबादी वाले इलाके भी पड़ते हैं। साथ ही लाखों की संख्या में कांवड़िए मुजफ्फरनगर के शिव चौक, मेरठ के काली पलटन मंदिर, गाजियाबाद के दूधेश्वरनाथ मठ मंदिर और बुलंदशहर के आहार थानाक्षेत्र में शिव के सिद्धपीठ मंदिर में जलाभिषेक करते हैं। इन सभी मुख्य मंदिरों में कांवड़ियों की सुरक्षा को लेकर खुफिया विभाग प्रत्येक वर्ष अलर्ट जारी करता रहा है। लेकिन इस बार खुफिया विभाग के सामने भी साजिश की संभावनाओं का पता लगाने की चुनौती होगी।  

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