Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Jul, 2024 07:50 AM
इस बार उत्तराखंड के हरिद्वार में कांवड़ मेले में शुरू से ही विवाद सामने आते रहे हैं। पहले दुकानों पर नेमप्लेट का विवाद सामने आया, फिर कांवड़ मार्ग पर मस्जिदों को ढकने की भी काफी चर्चा हुई। अब कुछ
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हरिद्वार (वार्ता): इस बार उत्तराखंड के हरिद्वार में कांवड़ मेले में शुरू से ही विवाद सामने आते रहे हैं। पहले दुकानों पर नेमप्लेट का विवाद सामने आया, फिर कांवड़ मार्ग पर मस्जिदों को ढकने की भी काफी चर्चा हुई। अब कुछ संतों ने कांवड़ों को ताजियों का रूप देने की बात कहकर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है।
संतों का कहना है कि शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल ले जाने के लिए जिस कांवड़ का उपयोग करते हैं, उसके निर्माण में समुदाय विशेष की बड़ी भागीदारी है। यह आजीविका का मामला है, सो इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं। लेकिन इसकी आड़ में हमारी आस्था, प्रतीक व भावनाओं को बदलने, उन्हें खंडित करने और सनातनी प्रतीक के स्थान पर अपने धार्मिक प्रतीक को बढ़ावा देने का षड्यंत्र करे तो इसे सहन नहीं किया जाएगा। इस तरह की प्रवृत्ति धार्मिक सद्भाव और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए ठीक नहीं है।