Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Apr, 2024 10:13 AM
नवरात्रि में कुमारी पूजन या ‘कंजक पूजन’ का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि कन्या पूजन से सभी प्रकार की सुख-सम्पदा मिलती है। इससे मनोवांछित कामनाएं पूर्ण होती हैं।
Navratri 2024 Kanya Pujan: नवरात्र में कुमारी पूजन या ‘कंजक पूजन’ का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि कन्या पूजन से सभी प्रकार की सुख-सम्पदा मिलती है। इससे मनोवांछित कामनाएं पूर्ण होती हैं। नवरात्रि में व्रत के समापन पर कन्याओं को भोजन कराने, उनका अर्चन-पूजन करने का विशेष महत्व बताया गया है। यूं तो प्रतिदिन कन्या पूजन करना चाहिए किंतु व्रत समापन पर कन्याओं के चरण स्वच्छ जल से धोकर उन्हें देवी स्वरूप मानकर पुष्प गंध आदि से अर्चन कर यथेष्ठ सुरुचिपूर्ण भोजन कराना चाहिए।
Kanya Puja: नवरात्र के दौरान आठवें अथवा नौवें दिन सुबह के समय कन्या पूजन किया जाता है। माना जाता है कि आहुति, उपहार, भेंट, पूजा-पाठ और दान से मां दुर्गा इतनी खुश नहीं होतीं, जितनी कंजक पूजन और लोंगड़ा पूजन से होती हैं। अपने भक्तों को सांसारिक कष्टों से मुक्ति प्रदान करती हैं।
What is the importance of Kanya Puja: कंजक पूजन नवरात्र का वह दिन है, जिस दिन आपकी नौ दिनों की तपस्या को विराम मिलता है और आप मां दुर्गा से अपनी सभी मनचाही इच्छाओंं की पूर्ति करवा सकते हैं। आज के दिन मां महागौरी का पूजन किया जाता है। कंजक पूजन और लोंगड़ा पूजन के उपरांत नवरात्र की पूजा का समापन हो जाता है। नौ दिन तक उपवास रखकर मां दुर्गा का पूजन करने वाले भक्त अष्टमी अथवा नवमी को अपने व्रत का समापन करते हैं।
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कंजकों को भोजन करवाने के बाद उगे हुए जौ और रेत को जल में विसर्जित कर दें।
कुछ जौं को जड़ सहित उखाड़कर समृद्धि हेतू घर की तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रखना चाहिए। ऐसा करने से तिजोरी धन से खचाखच भरी रहती है।
कलश के पानी को पूरे घर में छिड़क देना चाहिए। इससे घर से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
नारियल को माता दुर्गा के प्रसाद स्वरूप सभी पारिवारिक सदस्यों को बांट कर स्वयं खाएं।