Edited By Niyati Bhandari,Updated: 31 Mar, 2020 07:55 AM
नवरात्र में कन्या पूजन के लिए जिन कन्याओं का चयन करें, उनकी आयु दो वर्ष से कम और दस वर्ष से ज्यादा भी न हो। एक वर्ष या उससे छोटी कन्याओं की पूजा नहीं करनी चाहिए क्योंकि वे प्रसाद नहीं खा सकतीं और
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Kanjak puja 2020: नवरात्र में कन्या पूजन के लिए जिन कन्याओं का चयन करें, उनकी आयु दो वर्ष से कम और दस वर्ष से ज्यादा भी न हो। एक वर्ष या उससे छोटी कन्याओं की पूजा नहीं करनी चाहिए क्योंकि वे प्रसाद नहीं खा सकतीं और उन्हें प्रसाद आदि के स्वाद का ज्ञान नहीं होता। इसलिए शास्त्रों में दो से दस वर्ष की आयु की कन्याओं का पूजन ही श्रेष्ठ माना गया है। अष्टमी या राम नवमी के दिन कन्याओं पर जल छिड़क कर रोली-अक्षत से पूजन करें, उन्हें भोजन कराने के बाद उनके पैर छू कर यथाशक्ति दान देना चाहिए। नवरात्र में मात्र अष्टमी ही नहीं, बल्कि पहले नवरात्र से ले कर अष्टमी एवं नवमी तक 9 कन्याओं की पूजा होती है।
आयु अनुसार कन्या के रूपों को जानें
दो वर्ष की कन्या के पूजन से दुख और दरिद्रता मां दूर करती हैं।
तीन वर्ष की कन्या त्रिमूर्त रूप में मानी जाती हैं। त्रिमूर्ति कन्या के पूजन से धन-धान्य और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
चार वर्ष की कन्या को कल्याणी माना जाता है। इसकी पूजा से परिवार का कल्याण होता है, जबकि पांच वर्ष की कन्या रोहिणी कहलाती है। रोहिणी को पूजने से व्यक्ति रोग मुक्त हो जाता है।
छह वर्ष की कन्या को कालिका रूप कहा गया है। कालिका रूप से विद्या, विजय एवं राजयोग की प्राप्ति होती है।
सात वर्ष की कन्या का रूप चंडिका का है। चंडिका रूप का पूजन करने से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
आठ वर्ष की कन्या शाम्भवी कहलाती है। इसका पूजन करने से वाद-विवाद में विजय प्राप्त होती है।
नौ वर्ष की कन्या दुर्गा कहलाती है। इसका पूजन करने से शत्रुओं का नाश होता है तथा असाध्य कार्य पूर्ण होते हैं।
दस वर्ष की कन्या सुभद्रा कहलाती है। सुभद्रा अपने भक्तों के सारे मनोरथ पूर्ण करती है।
विशेष
कंजकों को हलवा, पूरी एवं काले चने का भोजन कराने के पश्चात कंजकों को आप प्लेट, टिफन, वॉटर बॉटल, ज्योमैट्री बॉक्स, खिलौने, बॉल, हेयर बैंड, पर्स, रुमाल या फिर चुनरी एवं चूडिय़ां भी दे सकते हैं। छोटी लड़कियों को ये सब चीजें बहुत प्रिय होती हैं तथा इस दिन इन्हें उपहार स्वरूप पा कर इन्हें बेहद प्रसन्नता भी होती है।