Edited By Prachi Sharma,Updated: 03 Apr, 2025 06:41 AM
चैत्र नवरात्र हिंदू धर्म का एक विशेष पर्व है। नौ रात्रि का ये उत्सव मां दुर्गा को समर्पित है। इस दौरान साधक माता रानी के नौ रूपों की पूजा इन 09 दिनों के दौरान करते हैं।
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Kanya Pujan 2025 Date: चैत्र नवरात्र हिंदू धर्म का एक विशेष पर्व है। नौ रात्रि का ये उत्सव मां दुर्गा को समर्पित है। इस दौरान साधक माता रानी के नौ रूपों की पूजा इन 09 दिनों के दौरान करते हैं। देवी पुराण के अनुसार कन्या पूजन के बिना नवरात्रि के व्रत और पूजा का फल नहीं मिलता चूंकि कन्या को मां दुर्गा का ही स्वरूप ही माना जाता है ऐसे में नवरात्रि के आखिरी दिन कंजक पूजन के बाद ही मां को विदाई दी जाती है। नवरात्रि में कुछ लोग अष्टमी के दिन कन्या पूजन करते हैं वहीं कुछ लोग नवमी के दिन कंजक पूजन करते हैं लेकिन इस बार तिथि के क्षय होने के कारण अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर कन्फयुज़न बनी हैं। दरअसल इस बार 9 की वजाए 08 दिन ही नवरात्रि मनाई जाएगी, जिस वजह से लोग अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर असमंजस में हैं।आज जानेंगे साल 2025 में अष्टमी और नवमी तिथि कब है और कन्या पूजन की सटीक विधि-
इस बार की चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन अष्टमी या नवमी तिथि को किया जाता है। इस साल अष्टमी तिथि 5 अप्रैल और नवमी तिथि 6 अप्रैल को पड़ रही है, जिस वजह से अष्टमी तिथि की कन्या पूजन 5 अप्रैल और नवमी तिथि की कन्या पूजन 6 अप्रैल को की जाएगी। ऐसे में आप इन दोनों में से किसी भी दिन कन्या पूजन कर सकते हैं।
कन्या पूजन के लिए कौन- कौन सी सामग्री चाहिए-
कन्या पूजन में पैर धुलने के लिए साफ जल, कन्याओं का पैर पोछने के लिए साफ कपड़ा, तिलक लगाने के लिए रोली, कलावा, अक्षत, फूल और फल, माता की चुन्नी, मिठाई और भोजन सामग्री, कन्याओं के बैठने के लिए आसन। ये सारी सामग्री व सामान पहले ही इकट्ठा करके रखें।
कन्या पूजन की सटीक विधि-
कन्या पूजन के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर भगवान गणेश और मां महागौरी की पूजा करें।
इसके बाद 2 से लेकर 10 साल तक की कन्याओं को भोजन के लिए आमंत्रित करें, साथ में एक छोटे लड़के को भी ज़रूर बुलाएं।
सबसे पहले सभी कन्याओं और बालक के पैर धोएं।
कन्याओं के पैर धोने के बाद उन्हें रोली, कुमकुम और अक्षत का टीका लगाकर उनके हाथ में मौली बाधें।
ध्यान रखें, कन्याओं के उल्टे हाथ में और लड़के के सीधे हाथ में कलावा बांधें, फिर सभी की आरती उतारें।
और फिर कन्याओं को भोजन कराएं, इस भोजन में पूड़ी, चना और हलवा जरूर शामिल करें।
कन्याओं को भोजन कराने के बाद यथाशक्ति उन्हें कुछ न कुछ उपहार दें।
अंत में कन्याओं के पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
इस विधि से कन्या पूजन करने से मां की कृपा आप बरसती है। इससे माता रानी आप आप मेहरबान होती है और आपकी मनोकमानएं पूरी करती है।