Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Oct, 2024 02:36 PM
कन्या पूजन के समय वास्तु के कुछ महत्वपूर्ण नियमों का ध्यान रखना विशेष लाभकारी होता है। ये नियम न केवल पूजा के वातावरण को सकारात्मक बनाते हैं, बल्कि कन्या पूजा की समृद्धि और फलदायी परिणामों में भी योगदान करते हैं। यहां कुछ प्रमुख वास्तु नियम दिए गए...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Navratri 2024 Kanya Pujan vastu: कन्या पूजन के समय वास्तु के कुछ महत्वपूर्ण नियमों का ध्यान रखना विशेष लाभकारी होता है। ये नियम न केवल पूजा के वातावरण को सकारात्मक बनाते हैं, बल्कि कन्या पूजा की समृद्धि और फलदायी परिणामों में भी योगदान करते हैं। यहां कुछ प्रमुख वास्तु नियम दिए गए हैं:
पूजन स्थल का चयन: पूजा का स्थान हमेशा घर के पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। ये दिशाएं सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं।
स्वच्छता: पूजा स्थल को साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखें। स्वच्छता का ध्यान रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
आसनों का प्रयोग: कन्याओं को बैठाने के लिए हल्के और सुंदर आसन का प्रयोग करें। आसन को लाल या पीले रंग का बनाना शुभ माना जाता है।
दीपक और अगरबत्ती: पूजा स्थल पर दीपक और अगरबत्ती अवश्य रखें। ये नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं और वातावरण को शुद्ध करते हैं।
सुखदायक रंग: पूजा में रंगों का भी ध्यान रखें। फूल, सजावट और अन्य सामग्री में हल्के और सुखदायक रंगों का प्रयोग करें।
दक्षिण दिशा से बचें: कन्या पूजा करते समय दक्षिण दिशा में बैठने से बचें क्योंकि इसे नकारात्मक ऊर्जा का स्थान माना जाता है।
खाना परोसना: कन्याओं को खाने के लिए स्वच्छ और ताजा भोजन परोसें। भोजन में मिठाई, चने और पूड़ी शामिल करें।
आशीर्वाद लेना: पूजा के बाद कन्याओं से आशीर्वाद लेना न भूलें, इससे आपके घर में सुख-शांति बनी रहेगी।
इन वास्तु नियमों का पालन करने से कन्या पूजन का माहौल शुभ और सकारात्मक बनता है, जिससे पूजा का फल भी अधिक मिलता है।