Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Jun, 2024 12:11 PM
हिंदू धर्म में कुल 16 संस्कारों के बारे में विस्तार से बताया गया है। जिसमें से एक कर्णवेध संस्कार का भी उल्लेख मिलता है।कर्णवेध संस्कार यानि कि कान छिदवाना। मान्यता है कि कान छिदवाने से व्यक्ति को रोग दोष से छुटकारा
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Karnavedha sanskar: हिंदू धर्म में कुल 16 संस्कारों के बारे में विस्तार से बताया गया है। जिसमें से एक कर्णवेध संस्कार का भी उल्लेख मिलता है।कर्णवेध संस्कार यानि कि कान छिदवाना। मान्यता है कि कान छिदवाने से व्यक्ति को रोग दोष से छुटकारा मिलता है और राहु-केतु की शुभता प्रदान होती है लेकिन इसी बीच आपको बता दें कि कर्णवेध संस्कार के कुछ नियम भी है जैसे कि कान कब छिदवाना चाहिए, किस दिन छिदवाना चाहिए। अगर आप विधिपूर्वक कान नहीं छिदवाते हैं तो इसके आपको बुरे परिणाम मिलने शुरू हो जाते हैं। जिसके चलते आज हम आपको कर्णवेध संस्कार से जुड़े नियमों के बारे में बताएंगे।
सबसे पहले आपको बता दें कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कर्णवेध संस्कार शिशु के जन्म से दसवें, बारहवें, 16वें या फिर छठे, सातवें या आठवें महीने में करना चाहिए। वहीं कन्या का पहले बायां कान छिदवाना चाहिए फिर दायां कान छिदवाना चाहिए और बालक शिशु का पहले दाहिना कान और फिर बायां कान छिदवाना चाहिए।
कान छिदवाने के लिए कौन सा दिन शुभ है-
बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कान छिदवाने के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार का दिन सबसे शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इन दिनों में से आप किसी भी अपना कान छिदवा सकते हैं। इन दिनों में कान छिदवाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इसी के साथ आपको ये बता दें कि भूलकर भी शनिवार और रविवार के दिन कान नहीं छिदवाना चाहिए। इन दो दिनों में कान छिदवाना अशुभ माना गया है। अगर आप गलती से भी शनिवार के दिन कान छिदवाते हैं तो ज्योतिष मान्यताओं के मुताबिक आपको शनि दोष की पीड़ा से गुजरना पड़ता है और जीवन में कष्ट आते हैं। इसके अलावा जानकारी के लिए बता दें कि कर्णवेध संस्कार के लिए कौन सी तिथि शुभ है और कौन सी नहीं ये भी जान लेना अति जरूरी है।बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कर्णवेध संस्कार के लिए चतुर्थ, नवम, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि को सभी तिथियां शुभ मानी गई है।
कान छिदवाने के लाभ-
बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कान छिदवाने से व्यक्ति राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पा लेता है। वहीं कहा जाता है कि कान छिदवाने से सुनने की क्षमता बढ़ जाती है। इतना ही नहीं कान छिदवाने से व्यक्ति बुरी शक्तियों से दूर रहता है। बताते चलें कि वायु, चंद्रमा, इन्द्र, अग्नि और वरुण देवता कान में निवास करते हैं। ऐसे में कान छिदवाने से व्यक्ति को ग्रह दोषों से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।