Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Sep, 2024 10:00 AM
हिंदू धर्म में करवा चौथ के पर्व को बहुत ही खास माना जाता है। यह एक महत्वपूर्ण पर्व है, विशेषकर उत्तर भारत में, जहां यह वैवाहिक जीवन के सुख और समृद्धि के लिए मनाया जाता है।
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Karwa Chauth 2024: हिंदू धर्म में करवा चौथ के पर्व को बहुत ही खास माना जाता है। यह एक महत्वपूर्ण पर्व है, विशेषकर उत्तर भारत में, जहां यह वैवाहिक जीवन के सुख और समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस दिन, महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए उपवासी रहकर व्रत करती हैं। रात को चंद्रमा की पूजा करने के बाद ही वे अपने व्रत का पारण करती हैं। यह पर्व न केवल पति-पत्नी के बीच के प्रेम को दर्शाता है बल्कि यह समाज में रिश्तों के महत्व को भी उजागर करता है। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन सारी महिलाएं माता करवा की पूजा करती हैं। पंचांग के अनुसार इस बार करवा चौथ के दिन भद्रा का साया लगने जा रहा है। तो चलिए ज्यादा देर न करते हुए जानते हैं इस बार 2024 में करवा चौथ का व्रत कब रखा जाएगा।
When will Karva Chauth fast be observed 2024 में कब रखा जाएगा करवा चौथ का व्रत
हिन्दू कलंदर के मुताबिक हर वर्ष की कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। करवा चौथ की शुरुआत 20 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 46 मिनट से आरंभ होगी और 21 सितंबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर इसका समापन होगा। इस मुताबिक 20 अक्टूबर को ये व्रत रखा जाएगा।
Auspicious time of worship पूजा का शुभ मुहूर्त
करवा चौथ के दिन पूजा का समय- शाम 5 बजकर 46 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।
भद्रा का समय- सुबह 6 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 46 मिनट तक
भद्रा सिर्फ 21 मिनट तक रहेगी। इस वजह से पूजा-पाठ पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
Moonrise time चंद्रोदय का समय
20 अक्टूबर के दिन चंद्रोदय का समय शाम 7 बजकर 54 मिनट पर होगा।
करवा चौथ का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ का व्रत मुख्य रूप से पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए किया जाता है। महिलाएं इस दिन विशेष रूप से पूजा-अर्चना करती हैं, ताकि उनके पतियों पर भगवान की कृपा बनी रहे। इस दिन की पूजा में अक्सर एक विशेष कथा सुनाई जाती है जिसमें एक पत्नी ने अपने पति की जान बचाने के लिए कठोर तप किया। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की भी पूजा की जाती है।