Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Aug, 2023 10:09 AM
वाराणसी के सबसे प्राचीन मठों में से एक है-जंगमबाड़ी मठ। सदियों से यहां अपने पूर्वजों की शांति के लिए एक परंपरा चली आ रही है। इस मठ में
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वाराणसी के सबसे प्राचीन मठों में से एक है-जंगमबाड़ी मठ। सदियों से यहां अपने पूर्वजों की शांति के लिए एक परंपरा चली आ रही है। इस मठ में शिवलिंग को लेकर वर्षों से एक अनोखी और अद्भुत धार्मिक मान्यता निभाई जा रही है। यहां आने वाले भक्त अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान की तरह शिवलिंग का दान करते हैं।
इसी कारण यह मंदिर (मठ) लाखों भक्तों द्वारा समर्पित (दान) किए हुए शिवलिंगों से भरा हुआ है। यह परम्परा 200 साल पुरानी है। यह ‘जंगमबाड़ी मठ’ दक्षिण भारतीयों द्वारा बनाया गया है और उन्हीं के द्वारा इस परंपरा की शुरुआत की गई है, जिसे सभी दूर-दराज से आने वाले और स्थानीय भक्त श्रद्धा और गहन आस्था के साथ निभाते आ रहे हैं।
ऐसा अनुमान है कि यह परम्परा लगभग 200 साल से चली आ रही है। सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि यहां विशेष शिव मंत्रों के साथ विधि-विधान से शिवलिंग का दान किया जाता है और मान्यता है कि शिवकृपा से पूर्वजों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। यहां सावन के महीने में सबसे ज्यादा शिवलिंग दान होते हैं।