Edited By Prachi Sharma,Updated: 19 Jul, 2024 06:35 AM
उत्तराखंड के चारों धामों और पौराणिक मंदिरों या इनसे जुड़े ट्रस्ट के नाम पर अब देश के किसी भी राज्य में या किसी भी स्थान पर मंदिर या ट्रस्ट का नामकरण नहीं हो सकेगा। धर्मस्व
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देहरादून (नवोदय टाइम्स): उत्तराखंड के चारों धामों और पौराणिक मंदिरों या इनसे जुड़े ट्रस्ट के नाम पर अब देश के किसी भी राज्य में या किसी भी स्थान पर मंदिर या ट्रस्ट का नामकरण नहीं हो सकेगा। धर्मस्व विभाग के इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूर कर लिया है। जल्द ही इस संबंध में एक नियमावली बनाई जाएगी और इसे लागू किया जाएगा।
वीरवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कुल 22 एजैंडे प्रस्तावित थे। इसके अतिरिक्त 3 अन्य एजैंडे भी तत्काल शामिल किए गए। मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बगौली और सचिव स्वास्थ्य आर. राजेश कुमार ने मीडिया सैंटर में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि कतिपय व्यक्ति और संगठनों द्वारा उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम, केदारनाथ धाम, गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम समेत अन्य महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों और मंदिरों व इससे जुड़े ट्रस्ट के नाम पर या उनसे मिलते-जुलते नाम के साथ मंदिर या ट्रस्ट की स्थापना की जा रही है।