Edited By Jyoti,Updated: 09 Aug, 2019 03:45 PM
हिंदू धर्म के ग्रंथों में बहुत से मंत्र आदि दिए गए हैं जिनका जाप करने से मानव जीवन को लाभ प्राप्त होता है। मगर विज्ञान के इस युग में इन मंत्र आदि पर ज्याद लोग विश्वास नहीं रखते
ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
हिंदू धर्म के ग्रंथों में बहुत से मंत्र आदि दिए गए हैं जिनका जाप करने से मानव जीवन को लाभ प्राप्त होता है। मगर विज्ञान के इस युग में इन मंत्र आदि पर ज्याद लोग विश्वास नहीं रखते। मगर जो लोग धार्मिक शास्त्रों आदि की जानकारी रखते हैं उन्हें इनकी महत्वता व प्रभाव जानते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे शायद अंजान होंगे।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की रक्षा के लिए अनंत काल से रक्षा सूत्र, रक्षा कवच, रक्षा रेखा, रक्षा यंत्र आदि का उपयोग होता आया है। यह सदैव दुर्भिक्षों, अनहोनी घटनाओं, कुदृष्टि, मारण, उच्चाटन, विद्वेषण आदि तांत्रिक प्रयोगों से गुप्त रूप से सुरक्षा का काम करते रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस रक्षा-सुरक्षा क्रम-उपक्रम में ही कीलन का उपयोग देखने को मिलता है।
तांत्रिक विद्या के अनुसार भांति-भांति की कीलों से तंत्र क्रियाओं द्वारा किसी स्थान को कीलने से अर्थात है वहां पर सुरक्षा कवच को स्थापित करना। बताया जाता है कीलन सुरक्षा की दृष्टि से तो किया ही जाता है परंतु इसके विपरीत ईर्ष्या-द्वेष, अनहित की भावना, शत्रुवत व्यवहार आदि के चलते भी स्थान का कीलन कर दिया जाता है।
कहने का मतलब है कि कीलन से अर्थ है सुरक्षा कवच। बांधने की क्रिया अर्थात किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान को सुरक्षा कवच में बाधने को कीलन या स्तम्भन कहते हैं। तो वहीं बंधे हुए को मुक्त करवाने की क्रिया को उत्कीलन कहा जाता है।
तंत्र विद्या की मानें तो कीलन सकारात्मक और नकारात्मक दो प्रकार से प्रयोग में लिए जाते हैं, उदाहरण:- किसी के काम से अन्य लोगों को हानि हो रही हो तो कीलन की विशेष प्रक्रिया द्वारा उसके काम को रोक दिया जाता है या दूसरे शब्दों में कहे तो कील दिया जाता है या स्तम्भित कर दिया जाता है।
साधना विधि-
इस मंत्र की साधना आप कभी भी शुरू कर सकते है। कीलन मंत्र साधना के लिए मंगलवार या शनिवार अच्छा रहता है। इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करने से इसका प्रभाव ओर बढ़ जाट है। आपको रोजाना दिन में एक बार इसका जाप करना होता है। पूर्व की तरफ मुख करके रुद्राक्ष की माला से किसी भी आसन का उपयोग कर इसका जप करें। कीलन मंत्र जपने के वक्त दो अगरबत्ती,कुछ पुष्प और कोई सी भी मिठाई पास रखनी चाहिए। इस तरह करने से कीलन मंत्र सिद्ध हो जाता है। ध्यान रहे जब भी किसी साधना को शुरू करना हो तो कीलन मंत्र का केवल 11 बार मंत्र जप करें। ऐसा करने से आपके सभी विघ्न, बाधाओं से रक्षा मिलेगी।
कीलन मंत्र-
*सिल्ली सिद्धिर वजुर के ताला, सात सौ देवी लूरे अकेला, धर दे वीर,पटक दे वीर,पछाड़ दे वीर, अरे-अरे विभीषण बल देखो तेरा, शरीर बाँध दे मेरा, मेरी भक्ति,गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र ,इश्वरो वाचा!
*आस कीलूं पास कीलूं, कीलूं अपनी काया जागदा मसान कीलूं बैठी कीलूं छाया इसर का कोट बर्मा की थाली मेरे घाट पिंड का हनुमान वीर रखवाला!
*हनुमन् सर्वधर्मज्ञ, सर्वकार्य विधायक। अकस्मादागतोत्पातं नाशयाशु नमोऽस्तुते।।
कहा जाता है जो व्यक्ति पर भूत-प्रेत या जादू टोने या अभिचार कर्म से ग्रसित हो उसक हित के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है। इसके अलावा इस मंत्र का प्रयोग किसी मकान अथवा व्यापारिक प्रतिष्ठान पर जिसको किसी शत्रु ने बांध दिया हो, उसके बंधन को तोड़ने के लिए इस मंत्र अति प्रभावशाली सिद्ध होता है। ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए लगातार 11 दिन तक प्रतिदिन इस मंत्र का 3000 बार जप करें।
*सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याऽखिलेश्वरी। एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम् ।। श्री दुर्गा सप्तशती का यह मंत्र अत्यन्त प्रभावशाली है।