Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Oct, 2017 02:37 PM
वास्तु भारतीय समाज की पुरानी परंपरा है। यदि वास्तु के नियम का पालन किया जाये तो जीवन सुखमय हो जाता है।
वास्तु भारतीय समाज की पुरानी परंपरा है। यदि इसके नियमों का पालन किया जाए तो जीवन सुखमय हो जाता है। वास्तु में दिशाओं का बड़ा महत्व है। अगर घर में गलत दिशा में कोई निर्माण होगा तो उससे परिवार को किसी न किसी तरह की हानि होगी। घर बनावाते समय अगर कुछ नियमों का पालन किया जाए तो परिवार में सुख-शांति तथा समृद्धि हमेशा बनी रहती है। आईए जानें घर बनाने संबंधित कुछ टिप्स:
घर हमेशा बड़ा व चौड़ा होना चाहिए क्योंकि संकरा व लंबा घर परेशानी का कारण बनता है।
घर हमेशा हर तरफ से खुला होना चाहिए, इसका मतलब यह है कि यह किसी भी अन्य इमारत से सटा नही होना चाहिए यानि दो घरों में एक आम दीवार नहीं होनी चाहिए।
घर का मुख्य द्वार पूर्व के मध्य में न होकर उत्तर पूर्व की ओर या दक्षिण पूर्व की ओर होना चाहिए।
उत्तर दिशा में घर के सबसे ज्यादा खिड़की और दरवाजे होने चाहिए। घर की बालकनी व वॉश बेसिन भी इसी दिशा में होना चाहिए। वास्तु के अनुसार इससे धन की हानि व करियर में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
बैडरूम को घर के दक्षिण पश्चिम या उत्तर पश्चिम की ओर बनाना चाहिए।
घर में स्नान घर को पूर्व दिशा की ओर बनाना चाहिए, यह इसके लिए उचित दिशा मानी जाती है।
बच्चों के पढ़ाई का कमरा पूर्व, उत्तर, या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। इससे बच्चों के ज्ञान में वृद्धि होती है।
घर में रसोई बनाने के लिए आग्नेय कोण को सबसे महत्वपूर्ण दिशा माना जाता है यानि आप जब भी किचन बनाएं तो आग्नेय कोण में ही बनाएं।
घर का मंदिर को हमेशा उत्तर पूर्वी दिशा में बनवाना चाहिए क्योंकि इससे सुख-समृद्धि व शान्ति में वृद्धि होती है।
घर का टॉयलेट बनाने के लिए सबसे अच्छा स्थान दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण दिशा को माना जाता है।