Edited By Prachi Sharma,Updated: 30 Aug, 2024 12:39 PM
जीवन में प्रॉब्लम का आना पीड़ा नहीं है। पीड़ा तब होती है जब प्रॉब्लम टिकी रह जाती है और उस प्रॉब्लम का सही से हमें कोई समाधान नहीं मिल पाता है। प्रॉब्लम केवल 10% होती है लेकिन 90% आप उन
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Ketu Effects and Remedies: जीवन में प्रॉब्लम का आना पीड़ा नहीं है। पीड़ा तब होती है जब प्रॉब्लम टिकी रह जाती है और उस प्रॉब्लम का सही से हमें कोई समाधान नहीं मिल पाता है। प्रॉब्लम केवल 10% होती है लेकिन 90% आप उन प्रॉब्लम को कैसे रिएक्ट करते हैं, वो जीवन में दर्द बनाता है। इन चीजों का केतु से सीधे-सीधे संबंध होता है।
केतु के बारे में बहुत कुछ कहा जाता है। केतु आपकी जन्म कुंडली में जिस भी घर में है, वो आपके जीवन को वहां पर किस तरह प्रभावित कर रहे हैं। जब केतु की दशा आती है, तो सात साल केतु के जीवन में नॉर्मली ज्यादातर लोगों के लिए बड़े पेनफुल होते हैं। उन लोगों के लिए केतु पेनफुल नहीं होते हैं, जो जाने-अनजाने में केतु को समझकर बिहेव करते हैं। केतु किस तरह से काम करते हैं उसके लिए यह जाना होगा कि यह ऊर्जा किस तरह काम करती है। इसको जानने से केतु सही हो जाएंगे और जीवन में तीन फर्क लेकर आएंगे।
पहला फर्क यह आपके जीवन में स्थायित्व स्टेबिलिटी लेकर आएंगे और आप जीवन में सेटल कहलाएंगे। केतु जब अच्छे हो जाते हो जाएंगे तो घर-परिवार में खुशियों का वातावरण और जिस भी काम को करने में हाथ डालेंगे, वो जरूर पूरे होंगे। केतु के खराब होने से इसके बिल्कुल उल्टा होता है, जीवन में कलह-क्लेश बना रहता है। जो काम कर रहे होते हैं, वो बहुत देर से पूरा होता है इसलिए केतु को समझना और इसके उपायों को करना बहुत जरूरी होता है।
राहु और केतु एक ही नोड के दो छोर होते हैं। केतु भी राहु की तरह एक छाया ग्रह हैं और यह एक साथ 180 डिग्री पर अपने चक्र पर घूमते रहते हैं। राहु इंसान से लेने के कारक हैं, वहीं केतु देने के कारक होते हैं। केतु जब एक्टिव होते हैं, तब इंसान दानी बन जाता है। केतु वेस्टेज के कारक हैं और राहु बिना सोचे-समझे काम करने का कारक बन जाता है। आइए जानते हैं केतु खराब होने की कुछ निशानियों के बारे में-
केतु के खराब होने पर इंसान की बुद्धि ब्लॉक रहती है। इंसान कहीं न कहीं मूर्खता पूर्ण रवैया अपनाता है और अपने धन को कहीं न कहीं लगाता रहता है। जब इंसान के केतु खराब होते हैं, तो वह दूर की नहीं सोच पाता है।नाभी के नीचे के जो रोग हैं या रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स के जो रोग हैं, यह भी केतु देता है। केतु के खराब होने पर गर्दन के नीचे के हिस्सों के रोग ज्यादा परेशान करना शुरू कर देते हैं।
केतु के खराब होने पर करियर पर किस तरह से असर डालता है। खराब केतु वाले जो लोग होते हैं, उनका करियर भी एक ही लेवल पर होता है। यह अपने करियर में पर्टिकुलर लिमिट से ज्यादा आगे नहीं जा पाते हैं। अश्विनी, मघा और मूला 27 नक्षत्रों में यह तीन केतु के नक्षत्र हैं। अश्विनी यह जोडियक का सबसे पहला नक्षत्र है। उसके बाद मघा आता है और अंत में मूला नक्षत्र आता है। इसी तरह से केतु की यात्रा होती है। केतु शुरुआत करवाता है हर शुरुआत अश्विनी से होती है। जब केतु चल रहे हैं, ये आपको इंस्टिगेट करते हैं और आपको ट्रिगर करना चाहते हैं। जीवन में जो चीजें पहले से चल रही थी, वो पहले से काम नहीं करेंगी इसलिए आपको अपना बिहेवियर पैटर्न को बदलना पड़ेगा और आपको अपने आस-पास के लोगों को चेंज करना पड़ेगा। केतु आपको यह एहसास दिलाते हैं कि जो लोग आपके आस-पास हैं, वो आपके लिए सही नहीं हैं। हम इन चीजों को न समझकर केतु को अपने खिलाफ कर लेते हैं। केतु कामकाज में और नई कारोबार की शुरुआत करवाते हैं। जो लोग कोई काम नहीं करते और अपने व्यापार में कोई नई चीजों को नहीं लेकर आते हैं, तो केतु आपको प्रोफेशनली भी डीग्रोथ की तरफ ले कर चले जाते हैं।
दूसरा केतु लर्निंग के बहुत ही बड़े कारक होते हैं। यह केतु गुरु के चेले भी कहे गए हैं। गुरु सबसे बड़े टीचर होते हैं। शरीर के अंदर केतु कान को भी कहा गया है। केतु के मामले में कान का मतलब होता है कि आपको केतु के फेज में सुनना चाहिए। सामने वाला क्या कहना चाहता है उसे सुनने की कोशिश करें। जिन लोगों का केतु खराब होता है, वो लोग कहते ज्यादा हैं और सुनते कम हैं। केतु खराब होंगे तो आप सुनना ही बंद कर देंगे। आप चाहें केतु के जितने भी उपाय करते रहे पर केतु प्रसन्न नहीं होंगे। केतु के प्रसन्न करने के लिए केतु की तरह बिहेव करना पड़ता है। शनि के लिए तेल और केतु के लिए काला कंबल दान कर दिया, तो केतु सही हो जाएंगे। सबसे पहले आपको उन ग्रहों की ऊर्जा के अनुसार खुद को अलाइन करना पड़ता है। फिर उन ग्रहों की डोनेशन करें।
केतु मोक्ष के कारक भी होते हैं। केतु के समय कोई भी काम अधूरा नहीं छोड़ना है। किसी काम को मन लगाकर पूरा करने की कोशिश करते हैं, तो केतु प्रसन्न हो जाते हैं। उस समय केतु का दान करने से यह आपको 100 गुना फल देना शुरू कर देते हैं। जब केतु फल देते हैं, तो इंसान अपना जीवन में ग्रोथ बड़ी तेजी से करना शुरू कर देते हैं। राहु और केतु की एक खासियत होती है कि यह जब फेवर करना शुरू करते हैं, तो ग्रोथ की तेजी बहुत बड़ा देते हैं। केतु का मतलब अपने काम को शुरू करना और समय से उस काम को पूरा करना। इस चीजों का अभ्यास करने से केतु अच्छे हो जाते हैं।
केतु हर घर में फल देता है। अपने घर में केतु को सही रखने के लिए वास्तु को सही रखना होगा। केतु आपके दरवाजों के कब्जे, दरवाजों के लॉक, घर का फर्श और आपके शरीर की उंगलियों और घुटनों के जोड़ होते हैं। यह सारे के सारे केतु की द्वारा कंट्रोल होते हैं। उसे हमेशा सही रखना केतु को सही रखना ही होता है।