Khalsa Sajna Diwas: आज है खालसा पंथ का साजना दिवस, पढ़ें 5 प्यारों की कथा

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 14 Apr, 2023 07:18 AM

khalsa sajna diwas

बैसाखी के दिन गुरु जी ने सारी दुनिया की जात को एक इंसानियत बताते हुए खालसा पंथ की नींव रखी। पुराने समय की मुसलमान खुफिया

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Khalsa Sajna Diwas 2023: बैसाखी के दिन गुरु जी ने सारी दुनिया की जात को एक इंसानियत बताते हुए खालसा पंथ की नींव रखी। पुराने समय की मुसलमान खुफिया अधिकारियों की रिपोर्ट बताती है कि 30 मार्च वाले इस इकट्ठ में 80 हजार से अधिक संगत उपस्थित थी। इस मौके पर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज संगत के बीच आए। गुरु जी के हाथ में एक तलवार तथा चेहरे पर एक अलग ही आभा थी। जब गुुरु जी ने संगत से शीश की मांग की तो लाहौर का रहने वाला खत्री जाति का भाई दया राम हाथ बांधकर खड़ा हो गया तथा गुरु जी के आगे गर्दन झुका ली। इसी तरह बारी-बारी चार और सूरमे आगे बढ़े तथा अपने शीश भेंट करने की पेशकश की। ये थे - उत्तर प्रदेश के हस्तिनापुर के धर्म चंद, ओड़िशा में जगन्नाथ पुरी के भाई हिम्मत चंद जी, द्वारका के मोहकम चंद जी तथा पांचवें थे कर्नाटक के बीदर से साहिब चंद।

PunjabKesari Khalsa Sajna Diwas

Story of panj pyare: जी ने उन्हें जो अमृत छकाया, उसमें पतासे नम्रता, खंडा शक्ति का तथा वाणी भक्ति का प्रतीक थी। सभी में प्रेम बढ़ाने के लिए एक ही बाटे में अमृत छकाया तथा जातियां मिटाकर एक ही जाति खालसा रखी। उनके नाम से चढ़दी कला का प्रतीक शब्द ‘सिंह’ जोड़कर दया सिंह, धर्म सिंह, हिम्मत सिंह, मोहकम सिंह तथा साहिब सिंह बना दिया।

गुरु जी ने इन पांचों को पांच प्यारे का खिताब दिया तथा एक तरह का लिबास केसरी बाणा बंशा, भाई दया सिंह को पांचों का जत्थेदार बनाया और ऐलान किया कि आज से इन पांचों में सारी शक्ति है। यह सच्चे मायनों में सत्ता का विकेंद्रीकरण था। गुरु जी ने कहा कि अमृत देने का अधिकार केवल पांच प्यारों के पास होगा। गुरु जी ने इन पांचों से अमृतपान किया तथा अपना नाम गोबिंद राय से गोबिंद सिंह रख लिया।

PunjabKesari Khalsa Sajna Diwas

पांच प्यारों को अपने गुरु समझ कर उनसे खुद अमृत की दात मांगी। आगे के लिए किसी भी काम के लिए मंजूरी का अधिकार पांचों को दिया। इस तरह उन्होंने गुरु तथा चेले के मध्य का फर्क मिटा दिया। यह संदेश खालसे को दिया कि सारे ही बराबर, सारे ही खालसा, किसी एक के हाथ शक्ति नहीं, मिलकर-बैठकर सभी फैसले लो, तर्कशीलता पर आधारित गलत कर्म-कांडो से बचकर सच्चे-सुच्चे आचारों वाला आदर्श जीवन जिओ। किरत करो धर्म की, सच की तथा बांट कर खाओ, एक अकाल पुरख को सदा याद रखो, ताकि अहंकार न आ सके। कहा कि पराई महिला को माता-बेटियां, बहन समझें और महिलाओं की हमेशा इज्जत करो।

PunjabKesari Khalsa Sajna Diwas

 

इतिहास गवाह है कि खालसे ने सदा जुल्म से टक्कर ली और गरीबों की रक्षा की। तलवार जुल्म करने के लिए नहीं, बल्कि जुल्म रोकने के लिए उठाई।

Shri Anandpur Sahib Baisakhi: इस दिन किसानों द्वारा अपनी गेहूं की फसल की संभाल भी कर ली जाती है तथा उन्हें खेतों में कोई काम नहीं होता, इसलिए बड़ी संख्या में लोग बैसाखी मनाने के लिए श्री आनंदपुर साहिब में एकत्रित होते हैं।   

PunjabKesari kundli
 

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!