Kheer Bhawani Mela: खीर भवानी मेले में कश्मीरी पंडितों की उमड़ी भीड़, बोले ‘आज चमन में फिर से बहार आई है’

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Jun, 2024 09:16 AM

kheer bhawani mela

जालंधर (इंट): गांदरबल जिले में वार्षिक खीर भवानी मेले में कश्मीरी पंडितों की उमड़ी भीड़ में दोबारा घाटी में बसने के अरमान तो हैं, लेकिन जिले में प्रसिद्ध रागन्या देवी मंदिर में पूजा-अर्चना

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जालंधर (इंट): गांदरबल जिले में वार्षिक खीर भवानी मेले में कश्मीरी पंडितों की उमड़ी भीड़ में दोबारा घाटी में बसने के अरमान तो हैं, लेकिन जिले में प्रसिद्ध रागन्या देवी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद यही सपना लेकर वे देश के उन हिस्सों में चले जाते हैं, जहां वे पलायन के बाद अपना जीवन गुजर-बसर कर रहे हैं। 

हर साल मेले में शिरकत करने के बाद निर्वासित कश्मीरी पंडितों के लब पर ये शब्द रहते हैं कि “आज चमन में फिर से बहार आई है”। हर साल कश्मीरी पंडित एक दिन अपने घर और चूल्हों की तरफ लौटने की उम्मीद जताते हैं। हालांकि आज तक लगातार सरकारें घाटी में उनकी स्थायी वापसी सुनिश्चित करने में विफल रही हैं।

1990 से तरस रहे हैं घर वापसी के लिए
कश्मीर के इस जिले में इस साल भी हजारों कश्मीरी पंडितों ने विशाल चिनार के पेड़ों के बीच बसे मंदिर परिसर में आध्यात्मिक वातावरण का आनंद लिया। जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी हिंसा में हाल ही में हुई वृद्धि भी इन कश्मीरी पंडितों को वार्षिक खीर भवानी मेले में जाने से रोकने में विफल रही। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब इन निर्वासित कश्मीरी पंडितों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि हम 1990 से घर वापसी के लिए तरस रहे हैं।

हम इतने सालों से पर्यटकों की तरह यहां आते रहे हैं। यहां कोई यात्री निवास नहीं है। सरकार को हमारे लिए रहने और खाने की सुविधा बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए। हम अपने घर वापस नहीं जा सकते। हमारे पुराने दोस्त हमसे मिलने आते हैं। उनमें से कुछ तो एक-दो दिन के लिए हमारी मेजबानी भी करते हैं, लेकिन हम अभी भी अपनी स्थायी घर वापसी का इंतजार कर रहे हैं।

खुद को पिंजरे में बंद करते हैं महसूस
वे बताते हैं कि कश्मीरी पंडित परिवार देश के अलग-अलग कोनों और यहां तक कि दूसरे देशों से भी ज्येष्ठ अष्टमी के अवसर पर प्रार्थना करने के लिए आते हैं। भक्तजन श्लोकों का जाप करते हुए मंदिर परिसर के भीतर पवित्र झरने पर दूध और खीर चढ़ाते हैं।

स्थानीय मुस्लिम परिवार हमारा स्वागत करते हैं और परेशानी मुक्त उत्सव सुनिश्चित करने के लिए पूजा सामग्री और अन्य रसद सहायता की छोटी-छोटी दुकानें लगाते हैं। उनका कहना है कि हम खुद को पिंजरे में बंद महसूस करते हैं। हमें सुरक्षा अधिकारियों द्वारा दिए गए सख्त निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है ताकि हमारी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

30,000 से अधिक भक्तों ने पूजा-अर्चना की
जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का कहना है कि इस साल मेला खीर भवानी में 30,000 से अधिक भक्तों ने पूजा-अर्चना की। जम्मू और कश्मीर प्रशासन और देवता में आस्था रखने वालों ने बहुत अच्छी व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को जम्मू से करीब 200 बसों में लाया गया। कुछ लोग दिल्ली से भी आए हैं। सिन्हा ने कहा कि यहां 1,000 तीर्थयात्रियों के लिए यात्री निवास बनाया जा रहा है।

पिछले साल जब मैं यहां आया था, तो तीर्थयात्रियों ने यात्री निवास के लिए अनुरोध किया था। मैंने संबंधित अधिकारियों से बात की और जो यात्री निवास बनाया जा रहा है, उसमें 1,000 तीर्थयात्री रह सकेंगे। मुझे बताया गया है कि यह अगले 8 महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा।

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