Edited By Jyoti,Updated: 22 Jul, 2020 01:32 PM
श्रावण में कई तरह के तीज- त्यौहार पढ़ते हैं। इनमें से एक त्यौहार हैं हरियाली तीज। बता दें श्रावण माह के लगभग त्यौहार भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है।
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श्रावण में कई तरह के तीज- त्यौहार पढ़ते हैं। इनमें से एक त्यौहार हैं हरियाली तीज। बता दें श्रावण माह के लगभग त्यौहार भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है। हरियाली तीज का पर्व भी इन्हें ही समर्पित हैं। इस दिन महिलाएं व्रत आदि रखती हैं तथा सोलह श्रृंगार करती हैं। बता दें प्रत्यक वर्ष शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आस्था और उल्लास का ये खास पर्व मनाया जाता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन को भगवान शिव और देवी पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है इस दिन देवी पार्वती ने भगवान शिव को प्रसन्न करने और अपने पति के रूप में पाने के लि
इसके अलावा इस दिन का क्या महत्व है और क्या खासियत है, जानते हैं यहां-
इस दिन सोने-चांदी के गहनों से कई ज्यादा फूलों के आभूषण को महत्व दिया जाता है, इसलिए प्रत्येक महिला को चाहिए कि इसदिन को फूलों से श्रृंगार करें, इसके अलावा इस दिन मेहंदी लगाना बहुत शुभ होता है। मान्यता है मेंहदी लगाने से शरीर को शीतलता प्रदान होती है और अगर किसी को त्वचा संबंधी रोग परेशान करते हों तो उनसे भी राहत मिलती है। तो वहीं माथे पर लगाने वाला सिंदूर एक तरफ़ सुहाग की निशानी होता है, दूसरी ओर इसे लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी होता है। मंगलसूत्र के बारे में भी यही मान्यता है, इसे पहनने से जीवन में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रुक जाता है।
हरियाली तीज के मौके पर आभूषण पहनने का अधिक महत्व है। दरअसल खूबसूरती के साथ-साथ स्वर्ण आभूषण पहनने का एक फायदा ये होता है कि इससे हृदय संबंधी रोग नहीं होते हैं। इसके अलावा हाथों में कंगन या चूड़ियां पहनने से रक्त संचार ठीक रहने की भी मान्यता है।
तो वहीं चांदी की पायल के बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि इसे पहनने से पैरों की हड्डियों में मज़बूती आती है। हरियाली तीज के खास मौके पर कान में आभूषण आदि पहनने से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है एवं कर्ण छेदन से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
अब बात करते हैं इससे जुड़ी धार्मिक तथ्यों की-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरियाली तीज पर भगवान शिव को पीले वस्त्र और मां पार्वती को लाल वस्त्र अर्पित करने चाहिए, साथ ही साथ इस दिन माता पार्वती को अर्पित किए गए सिंदूर को प्रसाद के रूप में अपनी मांग में लगाना चाहिए। कहा जाता है इससे पति की उम्र लंबी होती है।
इसके अलावा हरियाली तीज से संबंधित व्रत कथा सुनना अति आवश्यक होता है, शाम के समय पीपल के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाकर अपनी क्षमता अनुसार इस दिन कन्याओं को कुछ न कुछ दान अवश्य देना चाहिए।
इसके अतिरिक्त एक ऐसा नियम है जिसे हर हरियाली तीज का व्रत रखने वाले हर व्रती ध्यान में रखना चाहिए, बिल्कुल भी मन में क्रोध को न आने दें।