Edited By Niyati Bhandari,Updated: 31 Aug, 2024 11:51 AM
कृष्ण छठी एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है जो विशेष रूप से नये जन्मे बच्चों के जीवन में सुख, समृद्धि और भगवान कृष्ण की कृपा को सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन की गई पूजा, व्रत और धार्मिक
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Krishna Chhati 2024: कृष्ण छठी एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है जो विशेष रूप से नये जन्मे बच्चों के जीवन में सुख, समृद्धि और भगवान कृष्ण की कृपा को सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन की गई पूजा, व्रत और धार्मिक अनुष्ठान परिवार में खुशहाली और आशीर्वाद लाने का माध्यम बनते हैं। कृष्ण छठी की कथा यह दर्शाती है कि भक्ति और विश्वास से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त की जा सकती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं। कृष्ण छठी की कथा धार्मिक मान्यता और परंपरा के आधार पर कई रूपों में प्रचलित है। यहां एक प्रमुख कथा दी जा रही है:
Krishna Chhati katha कृष्ण छठी की कथा: प्राचीन समय की बात है, एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण परिवार रहता था। उनके परिवार में एक संतान होने की बड़ी कामना थी लेकिन वर्षों की प्रार्थना और तपस्या के बाद भी उनके घर में संतान का जन्म नहीं हुआ।
एक दिन ब्राह्मण ने एक ऋषि से अपनी परेशानी बताई। ऋषि ने उन्हें सलाह दी कि भगवान कृष्ण की विशेष पूजा करें और कृष्ण छठी का व्रत करें। ब्राह्मण ने ऋषि की सलाह मानी और कृष्ण छठी का व्रत किया। उन्होंने पूरी श्रद्धा के साथ भगवान कृष्ण की पूजा की और विशेष रूप से गेंहू के आटे से बनी मिठाई को भगवान कृष्ण को अर्पित किया।
कुछ समय बाद ब्राह्मण की पत्नी गर्भवती हुई और उन्होंने एक स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया। ब्राह्मण ने भगवान कृष्ण की कृपा और कृष्ण छठी के व्रत की महिमा को स्वीकार किया। उन्होंने पूरे गांव में यह खुशी साझा की और कृष्ण छठी का महत्व लोगों को बताया।
कहानी के अनुसार ब्राह्मण की भक्ति और कृष्ण छठी के व्रत के कारण भगवान कृष्ण ने उनके परिवार को आशीर्वाद दिया और उनकी संतान की प्राप्ति सुनिश्चित की। इस प्रकार कृष्ण छठी की पूजा से न केवल संतान सुख की प्राप्ति होती है बल्कि यह पूजा भक्ति और विश्वास की शक्ति को भी दर्शाती है।