Edited By Prachi Sharma,Updated: 27 Aug, 2024 07:13 AM
जन्माष्टमी पर सोमवार मध्य रात्रि जब घड़ी ने 12 बजाए और भागवत भवन मंदिर के कपाट ‘प्राकट्य दर्शन (कृष्ण का स्वरूप)" के लिए खुले तो श्री कृष्ण जन्मस्थान पर आस्था का सैलाब
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मथुरा (एजैंसी): जन्माष्टमी पर सोमवार मध्य रात्रि जब घड़ी ने 12 बजाए और भागवत भवन मंदिर के कपाट ‘प्राकट्य दर्शन (कृष्ण का स्वरूप)" के लिए खुले तो श्री कृष्ण जन्मस्थान पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। शंख, ढोल, झांझ और मृदंग की ध्वनि के बीच भक्तों के नाचने-गाने के साथ ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान का वातावरण "नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की" से गूंज उठा।
श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया, "महाआरती के बाद पुजारियों और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के ट्रस्टी अनुराग डालमिया ने ट्रस्ट के अध्यक्ष संत नृत्य गोपाल दास की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच "अभिषेक समारोह" शुरू किया। लगभग 40 मिनट तक दूध, दही, शहद, खांडसारी, घी और हर्बल औषधियों के मिश्रण से अभिषेक किया गया।"