Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Jun, 2024 08:46 AM
आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन बुद्धि, ज्ञान और धन-वैभव के देवता भगवान गणेश की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार,
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Krishnapingal Chaturthi 2024: आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन बुद्धि, ज्ञान और धन-वैभव के देवता भगवान गणेश की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, गणपति की पूजा के बिना कोई भी शुभ कार्य पूरे नहीं होते। इस बार आषाढ़ महीने की पहली संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज 25 जून, मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। माना जाता है कि इस दिन बप्पा की पूजा करने से जीवन के सभी प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही सौभाग्य और संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है। तो आइए जानते हैं कृष्णपिङ्गल संकष्टी व्रत के मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-
Krishnapingal Sankashti Chaturthi auspicious time कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 24-25 जून की देर रात 1 बजकर 23 मिनट पर होगी और 25 जून की रात 11 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का व्रत 25 जून को रखा जाएगा।
Krishna Pingal Sankashti Chaturthi Puja vidhi कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
फिर सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद घर के मंदिर की साफ-सफाई करें और गंगा जल का छिड़काव करें।
अब पूजा की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
इसके बाद गणेश जी को कुमकुम का तिलक लगाएं और अक्षत-फूल अर्पित करें।
अब गणेश जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा करें।
फिर बप्पा को मोदक, फल और मिठाई का भोग लगाएं।
अंत में गणेश जी की आरती करें और सभी को प्रसाद बांटें।