Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Feb, 2020 07:15 AM
धरती के साक्षात देव सूर्य नारायण जब भी अपना घर यानि राशि बदलते हैं, तब संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। हर महीने सूर्यदेव एक-एक राशि में रहते हैं, उनका भ्रमण करने का ये दौर 1 साल में पूरा होता है।
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धरती के साक्षात देव सूर्य नारायण जब भी अपना घर यानि राशि बदलते हैं, तब संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। हर महीने सूर्यदेव एक-एक राशि में रहते हैं, उनका भ्रमण करने का ये दौर 1 साल में पूरा होता है। आज 13 फरवरी को सूर्य का कुंभ राशि में गोचर होने वाला है इसलिए इसे कुंभ संक्रांति के नाम से जाना जाएगा। सनातन धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। किवंदति के अनुसार सभी देवी-देवता पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए धरती पर आते हैं। आप भी आज के दिन पवित्र नदी या पावन जल के साथ स्नान करके पुण्य के भागी बन सकते हैं।
कुंभ संक्रांति का शुभ मुहूर्त: पुण्य काल का समय सुबह 9:22 से शुरु होकर दोपहर 3:18 तक रहने वाला है। महा पुण्य काल 1:27 से लेकर 3:18 तक रहेगा।
राशि अनुसार करें उपाय
मेष- किसी भी धार्मिक स्थान पर गुड़ का दान करें।
वृष- प्रतिदिन सूर्यदेव को प्रणाम करें।
मिथुन- सूर्य देव को अर्घ्य दें।
कर्क- सुबह के समय घर के सभी खिड़की, दरवाजें कुछ समय के लिए जरुर खोलें।
सिंह- किसी भी धार्मिक स्थान पर बाजरा दान करें।
कन्या- घर से बाहर जाते वक्त अपना सिर कवर करके जाएं। संभव न हो तो सफेद रंग की टोपी, स्कार्फ या पगड़ी पहनें।
तुला- किसी भी धार्मिक स्थान पर नारियल या उससे बनी वस्तुओं का दान करें।
वृश्चिक- पीतल के बर्तन यूज करें, इस धातु की कोई भी वस्तु किसी को गिफ्ट न करें।
धनु- काली गाय को चारा खिलाएं। बड़े भाई का पिता के समान इज्जत-मान करें।
मकर- कंजक पूजा करें या छोटे बच्चों को कुछ प्यार भरा उपहार दें।
कुंभ- अपने भोजन का पहला हिस्सा गाय को खिलाएं, दूसरा किसी भूखे या जरुरतमंद को दें और तीसरा कुत्ते को खिलाएं।
मीन- रात को सोने से पहले अपने तकिए के नीचे 5 बादाम रखें, सुबह नित्य कार्यों से निवृत होकर बादाम ले जाकर किसी भी धार्मिक स्थान पर रख दें।