Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Jan, 2024 10:34 AM
भारत में मां लक्ष्मी के बहुत से मंदिर हैं। जिनकी अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। इसी तरह हम आपको बताएंगे एक ऐसा अनोखा मंदिर जो वास्तुशिल्प शैली के लिए मशहूर है। कहा जाता है की
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Doddagaddavalli Lakshmi Devi Mandir डोड्डागद्दावल्ली लक्ष्मी देवी मंदिर: भारत में मां लक्ष्मी के बहुत से मंदिर हैं। जिनकी अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। इसी तरह हम आपको बताएंगे एक ऐसा अनोखा मंदिर जो वास्तुशिल्प शैली के लिए मशहूर है। कहा जाता है की यहा देवी मां के एकमात्र दर्शन से सारे आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं।
History of Doddagaddavalli Lakshmi Devi Mandir : लक्ष्मी देवी मंदिर डोड्डागद्दावल्ली कर्नाटक के जिले हासन के एक गांव से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और बेलूर के रास्ते में है। मंदिर के चारों ओर नारियल के बागानों के साथ एक खूबसूरत झील है। आसपास की सुंदरता बस शानदार है। 900 साल पुराने इस मंदिर को लेकर इतिहासकारों का कहना है कि होयसल साम्राज्य के शासक विष्णुवर्धन के काल में 1113-14 में इस मंदिर का निर्माण हुआ था। मंदिर होयसल वास्तुशिल्प शैली के काफी पुराने मंदिरों में से एक है।
What does the temple look like कैसा दिखता है मंदिर: होयसल काल के दौरान निर्मित 4 मंदिर वाली मंदिर शैली का यह एकमात्र उदाहरण है। चारों दिशाओं में 4 कमरे बने हैं और बीच में एक केन्द्र से ये आपस में जुड़े हैं। पूर्व की ओर गर्भगृह में महालक्ष्मी विराजित हैं, उनके दाहिने हाथ में शंख और बाएं हाथ में चक्र है। देवी लक्ष्मी के दोनों तरफ 2 परिचारिकाओं की मूर्तियां हैं।
इसके अलावा मंदिर में नृत्यरत भगवान शिव, भैंसे पर सवार यम और समुद्र देवता वरुण की प्रतिमाएं मौजूद हैं। वहीं मंदिर के उतरी कक्ष में देवराज इंद्र की मूर्ति है, जो अपने वाहन ऐरावत पर विराजमान हैं। साथ ही देवराज इन्द्र का व्रज लेकर इंद्राणी भी मौजूद हैं।