Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Sep, 2024 06:43 AM
आज 10 सितंबर को राधा रानी की सबसे प्रिय सखी ललिता देवी का जन्मदिन मनाया जाएगा। ललिता देवी राधा की सबसे प्रिय सहेलियों में से एक थीं। इस दिन को संतान सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। मथुरा, वृंदावन और खास तौर पर ललिता कुंड के पास इस पर्व की बहुत धूम...
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Lalita Saptami: आज 10 सितंबर को राधा रानी की सबसे प्रिय सखी ललिता देवी का जन्मदिन मनाया जाएगा। ललिता देवी राधा की सबसे प्रिय सहेलियों में से एक थीं। इस दिन को संतान सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। मथुरा, वृंदावन और खास तौर पर ललिता कुंड के पास इस पर्व की बहुत धूम देखने को मिलती है। ब्रजमंडल में ललिता देवी के प्रेम और आस्था की बहुत कथाएं सुनने को मिलती हैं। श्री कृष्ण के आशीर्वाद अनुसार जो व्यक्ति आज के दिन ललिता सखी की पूजा करता है, उसके जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहती है। राधा रानी और श्री कृष्ण का आर्शीवाद एक साथ प्राप्त होता है। ललिता देवी के ह्रदय में बहुत गहरा प्रेम होने के कारण वह श्री कृष्ण और वृषभानु दुलारी की सबसे प्रिय थी। संतान सुख और जीवन में शांति बनाए रखने के लिए आज के दिन व्रत रखा जाता है।
Benefits of reading Shri Lalita Ashtakam ललिता अष्टकम पढ़ने के फायदे
ललिता सखी को भक्तों को सुख प्रदान करने वाली और विपदा हरने वाली कहा जाता है। जो भी व्यक्ति सच्चे मन से ललिता अष्टकम का पाठ करता है, देवी ललिता भक्तों के सब दुःख हर लेती हैं।
ललिता अष्टकम का पाठ करने से वह अपने भक्तों के जीवन से अंधकार को दूर करके रोशनी प्रदान करती हैं और नाना प्रकार की आने वाली विपत्तियों को दूर कर देती हैं।
अगर मन में कोई कामना लेकर ललिता अष्टकम का पाठ किया जाए तो वह अवश्य पूरा होती है।
गृहस्थ जीवन को सुखमय बनाने और संतान की कामना को पूर्ण करने के लिए ललिता अष्टकम का पाठ किया जाता है।
इसके अलावा जो व्यक्ति 21 बार इसका पाठ करता है, उसे मनोवांछित इच्छाओं की प्राप्ति होती है।