Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Jan, 2025 08:37 AM
Lohri 2025: लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रमुख और हर्षोल्लास से भरा त्यौहार है, जिसे मकर संक्रांति से एक दिन पहले, मुख्यतः पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और
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Lohri 2025: लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रमुख और हर्षोल्लास से भरा त्यौहार है, जिसे मकर संक्रांति से एक दिन पहले, मुख्यतः पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में मनाया जाता है। यह त्यौहार फसल कटाई और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का प्रतीक है। लोहड़ी विशेष रूप से रबी की फसल, विशेषकर गेहूं और सरसों की फसल से जुड़ा हुआ है।
Lohri Date 13 Or 14 January 2025 लोहड़ी 13 या 14 जनवरी
हिंदू कैलेण्डर के अनुसार, लोहड़ी का त्योहार हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व मनाया जाता है। सूर्य देव 14 जनवरी 2025 की सुबह मकर राशि में प्रवेश करेंगे। साल 2025 में लोहड़ी 13, सोमवार जनवरी को और मकर संक्रांति 14 जनवरी, मंगलवार को मनाई जाएगी।
Significance of Lohri लोहड़ी का महत्व
लोहड़ी का त्यौहार नई फसल की खुशी में और सूर्य के उत्तरायण होने की शुरुआत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह सर्दियों की विदाई और वसंत के स्वागत का संकेत देता है। इस दिन आग जलाकर उसके चारों ओर लोग गीत गाते और नृत्य करते हैं।
Traditions of Lohri लोहड़ी की परंपराएं
अग्नि पूजा: लोहड़ी की रात लकड़ी, सूखी टहनियों और गोबर के उपलों से अलाव जलाया जाता है। इसमें तिल, गुड़, रेवड़ी, मूंगफली, और मक्का चढ़ाए जाते हैं।
गीत और नृत्य: लोग सुंदर मुंदरिये जैसे पारंपरिक गीत गाते हैं और भांगड़ा-गिद्दा करते हैं।
मिठाइयां और दावतें: इस दिन विशेष रूप से तिल-गुड़ से बनी मिठाइयां, मक्के की रोटी और सरसों का साग खाया जाता है।
नवविवाहित और नवजात: नवविवाहित जोड़ों और नवजात बच्चों के लिए यह त्यौहार विशेष महत्व रखता है। उनके घर में पहली लोहड़ी का बड़े धूमधाम से आयोजन किया जाता है।
लोहड़ी केवल एक त्यौहार नहीं, बल्कि प्रकृति, परिवार और सामुदायिक एकता के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है।