Edited By Sarita Thapa,Updated: 11 Jan, 2025 12:00 PM
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Lohri: लोहड़ी का त्योहार उत्तर भारत में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लोहड़ी का त्योहार मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है। लोहड़ी का त्योहार मुख्य रूप सिख समुदाय के लोगों के लिए बहुत खास होता है।
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Lohri: लोहड़ी का त्योहार उत्तर भारत में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लोहड़ी का त्योहार मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है। लोहड़ी का त्योहार मुख्य रूप सिख समुदाय के लोगों के लिए बहुत खास होता है। इस त्योहार के आते ही चारों तरफ खुशियों का माहौल छा जाता है। यह पर्व ठंड के अंत और रबी फसलों की कटाई का प्रतीक है। लोहड़ी का पर्व हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन अग्नि में तिल, गुड़, मूंगफली, रेवड़ी आदि डाले जाते हैं। जो लोग इस साल शादी के बाद पहली बार लोहड़ी का त्योहार मना रहे हैं, तो उन्हें कुछ खास बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। तो आइए जानते हैं कि नवविवाहित लोगों को कौन की बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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काले कपड़े न पहनें
सनातन धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। जो लोग शादी के बाद पहली बार लोहड़ी का पर्व मनाने जा रहे हैं, तो वह काले रंग के कपड़े पहने से परहेज करें। लोहड़ी के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि नवविवाहिताएं रंग-बिरंगे ही कपड़े पहनें।
झूठा प्रसाद अग्नि में डालने से बचें
लोहड़ी की अग्नि को बहुत पवित्र मानी जाती है। लोहड़ी की पूजा और परिक्रमा के दौरान अग्नि में तिल रेवड़ी और पॉपकॉर्न का प्रसाद डाला जाता है। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए की अग्नि में डालने वाला प्रसाद झूठा हो।
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जूते-चप्पल पहनकर न करें परिक्रमा
लोहड़ी की पूजा करते समय हमेशा नंगे पैर पूजा करनी चाहिए। माना जाता है कि जो लोग नंगे पैर परिक्रमा करते हैं। इनके मन की हर इच्छा पूरी होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
सोलह श्रृंगार करना न भूले
लोहड़ी के दिन नवविवाहित महिलाएं पूरे 16 श्रृंगार करें और पुरुष भी इस दिन नए वस्त्र पहनकर तैयार हों। नवविवाहित जोड़े रात के समय लोहड़ी की आग में तिल, गुड़, रेवड़ी और पॉपकॉर्न डालें। माना जाता है कि ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।
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