Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Apr, 2024 03:09 PM
गुजरात के कच्छ में बेहद प्राचीन जीवाश्म मिले हैं। ये जीवाश्म वासुकी नाग के हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा नाग था। इससे बड़ा एनाकोंडा भी नहीं है, न ही डायनासोरों के जमाने का विशालकाय टी-रैक्स डायनासोर था।
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lord shiva nagmaharaj vasuki : गुजरात के कच्छ में बेहद प्राचीन जीवाश्म मिले हैं। ये जीवाश्म वासुकी नाग के हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा नाग था। इससे बड़ा एनाकोंडा भी नहीं है, न ही डायनासोरों के जमाने का विशालकाय टी-रैक्स डायनासोर था। वासुकी नाग का जीवाश्म कच्छ के पानंधरो लाइटनाइट खदान में मिला है। यह वही सांप है, जिसका जिक्र समुद्र मंथन में आता है। इसी की मदद से मंदार पर्वत को मथनी की तरह घुमाया गया था, जिससे समुद्र से अमृत और विष जैसी कई महत्वपूर्ण चीजें निकली थीं। वैज्ञानिकों ने इस खदान से वासुकी नाग की रीढ़ की हड्डियों के 27 हिस्से बरामद किए हैं। इसका वैज्ञानिक नाम ‘वासुकी इंडिकस’ है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि इसकी आकृति विशालकाय थी, जैसे आजकल के अजगर होते हैं लेकिन यह विषैला नहीं रहा होगा। जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में छपी स्टडी के अनुसार आई.आई.टी. के पैलेंटियोलॉजिस्ट देबजीत दत्ता ने कहा कि इसका आकार बताता है कि यह वासुकी नाग था। धीमी गति से चलने वाला खतरनाक शिकारी।
देबजीत ने बताया कि यह एनाकोंडा और अजगर की तरह अपने शिकार को दबाकर मार डालता था लेकिन जब वैश्विक स्तर पर तापमान बढ़ने लगा तो इनकी आबादी खत्म होने लगी। माना जाता है कि इनकी सामान्य लंबाई 36 से 49 फुट तक होती थी। इनका वजन करीब 1000 किलोग्राम के आसपास होता था।
Lord Shiva's serpent, considered the king of snakes भगवान शिव का नाग, सांपों का राजा माना जाता है
वासुकी नाग को भगवान शिव का नाग कहा जाता है। इसे सांपों का राजा कहते थे। यह प्रागैतिहासिक सांप तितानोबोवा का विरोधी माना जाता है। तितानोबोआ के जीवाश्म की खोज कोलंबिया की एक कोयला खदान में 2009 में हुई थी। वह करीब 42 फुट लंबा होता था। वजन करीब 1100 किलोग्राम होता था। यह सांप 5.80-6.00 करोड़ साल पहले पाया जाता था।
Whether it was bigger than Titanoboa or not is being studied तितानोबोआ से बड़ा था या नहीं, स्टडी की जा रही है
आई.आई.टी. रुड़की के प्रोफैसर और इस सांप के जीवाश्म खोजने वाली टीम के सदस्य सुनील बाजपेयी ने कहा कि वासुकी के आकार की तुलना तितानोबोआ से कर सकते हैं लेकिन दोनों की रीढ़ की हड्डियों में अंतर था। अभी यह बता पाना एकदम सही नहीं होगा कि वासुकी आकार के मामले में तितानोबोआ से बड़ा था।
Snake skull not found, search continues सांप की खोपड़ी नहीं मिली, खोजबीन लगातार जारी है
यह नाग ‘सेनोजोइक काल’ में रहता था यानी करीब 6.60 करोड़ साल पहले। तब डायनासोर युग का अंत हो चुका था। हमें वासुकी नाग की रीढ़ की हड्डियों का जो सबसे बड़ा हिस्सा मिला है, वह साढ़े चार इंच चौड़ा है। इससे पता चलता है कि वासुकी नाग का शरीर कम से कम 17 इंच चौड़ा था। इसकी खोपड़ी नहीं मिली है, फिलहाल खोजबीन जारी है।
Couldn't find out what Vasuki Nag ate क्या खाता था वासुकी नाग, यह नहीं पता चल पाया
वैज्ञानिक अभी यह नहीं पता कर पाए हैं कि वासुकी नाग क्या खाता था लेकिन इसके आकार को देख कर लगता है कि यह उस समय के विशालकाय मगरमच्छों को खाता रहा होगा। आसपास कई मगरमच्छ और कछुओं के जीवाश्म भी मिले हैं। साथ ही दो प्रागैतिहासिक व्हेल मछलियों के जीवाश्म भी मिले हैं।
This is how he came to Indian soil ऐसे आया था भारत की धरती पर
वासुकी ‘मैडतसोडेई फैमिली’ के सांपों से संबंध रखता था। ये सांप 9 करोड़ साल पहले धरती पर मौजूद थे, जो 12 हजार साल पहले खत्म हो गए। ये सांप भारत से लेकर दक्षिणी यूरेशिया, उत्तरी अफ्रीका तक फैले थे। जब यूरेशिया 5 करोड़ साल पहले एशिया से टकराया, तब भारत बना।