Edited By Prachi Sharma,Updated: 13 Aug, 2024 11:00 AM
धार्मिक भावनाओं का प्रतीक शिमला में महादेव का ये मंदिर बेहद ही खास है। इस मंदिर की खासियत इस वजह से ज्यादा है क्योंकि इस मंदिर में जो विशाल शिवलिंग है वो
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धार्मिक भावनाओं का प्रतीक शिमला में महादेव का ये मंदिर बेहद ही खास है। इस मंदिर की खासियत इस वजह से ज्यादा है क्योंकि इस मंदिर में जो विशाल शिवलिंग है वो महात्मा की समाधि पर स्थापित किया गया है। 500 साल पुराना भगवान शिव के ये मंदिर शिमला के माल रोड पर स्थित है। सुबह से लेकर मंदिर के बंद होने तक यहां भक्तों के मेला लगा रहता है। सावन का महीना चल रहा है तो इस दौरान भक्तों की भीतर काफी उमंग देखने को मिल रही है।
यह मंदिर कब बना था यह तो नहीं पता लग पाया है लेकिन इसका नवीनकरण 1882 में किया गया था। इसी के साथ इस मंदिर की एक और खूबी यह है कि इस मंदिर में कोई भी दान पेटी नहीं है। जिस भी भक्त को चढ़ावा चढ़ाना होता है वो शिवलिंग को अर्पित कर देता है। यह चढ़ावा मंदिर का पुजारी अपने लिए नहीं रखता है। इस चढ़ावे का उपयोग गरीब बच्चों के लिए प्रसाद के लिए किया जाता है।
आज-कल ज्यादातर मंदिर प्रशासन के हाथों में होते हैं लेकिन ये मंदिर महंतों द्वारा चलाया जा रहा है। मंदिर के मुखिया चंद्र भान गिरी हैं। मंदिर का सारा दिन किसी न किसी की सहायता के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जैसे कि बच्चों के स्कूल की फीस, गरीब बच्चों को खान और कपड़े बांटना इत्यादि। सावन और नवरात्रि के दौरान यहां सबसे ज्यादा चढ़ावा चढ़ता है।