Edited By Prachi Sharma,Updated: 20 Aug, 2024 11:29 AM
2024 आधा बीत चुका है और सब लोग 2025 को जानने के लिए काफी उत्सुक हैं। बहुत सारे जातक ऐसे होते हैं जिन्हें अपनी राशि के बारे में नहीं पता। आज बात करेंगे कि M नाम वालों
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M Alphabet 2025 Horoscope: 2024 आधा बीत चुका है और सब लोग 2025 को जानने के लिए काफी उत्सुक हैं। बहुत सारे जातक ऐसे होते हैं जिन्हें अपनी राशि के बारे में नहीं पता। आज बात करेंगे कि M नाम वालों के लिए 2025 कैसा रहने वाला है और क्या है उनकी राशि ?
1 जनवरी के दिन दशम भाव में गुरु का गोचर हो रहा है, गुरु यहीं पर रहेंगे। गुरु आपके दशम भाव को प्रभावित करेंगे। दूसरा धन भाव होता है, उसको प्रभावित करेंगे और छठा आपका लिटिगेशन रोग, ऋण, शत्रु का भाव होता है उसको प्रभावित करेंगे। शनिदेव आपकी कुंडली में इस समय सप्तम भाव से गोचर कर रहे हैं। सप्तम भाव में आपकी कुंडली में शनिदेव की अपनी राशि कुंभ आती है हालांकि शनि का गोचर छठे भाव में अच्छा होता है। शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में हैं। अष्टम से के मुकाबले अच्छे हैं लेकिन यहां पर ज्यादा देर नहीं रहेंगे। सप्तम में आगे जाकर अष्टम में आ जाएंगे। अष्टम में आने का मतलब है कि आपकी कुंडली में यहां पर शनि की ढैया शुरू हो जाएगी। सिंह राशि के जातक हैं उनके लिए दूसरे भाव में और अष्टम में गोचर हो रहा है। राहु का अष्टम में जाना अच्छा नहीं। केतु का दूसरे भाव में जाना अच्छा नहीं होता। यह गोचर किसी भी लिहाज से अच्छा नहीं था। अष्टम आयु स्थान है, यहां से राहु का गोचर भी अच्छा नहीं है। यहां पर राहु की प्लेसमेंट होना भी अच्छा नहीं होता। दूसरा धन भाव है, यहां पर केतु का गोचर वैसे ही अच्छा नहीं है। ये गोचर आपके लिए थोड़ा सा आगे जाकर न्यूट्रल होगा। 29 मई को आपकी राशि के ऊपर से केतु का गोचर शुरू हो जाएगा और सप्तम में राहु आ जाएंगे। गुरु ब्लेसिंग्स देते हैं, गुरु ब्लेसिंग्स के कारक हैं तो यहां पर पहले साढ़े महीने गुरु की ब्लेसिंग रहेगी आपके धन स्थान के ऊपर। जहां से इस समय केतु का गोचर हो रहा है वो भाव गुरु के कारण ही न्यूट्रलाइज है। गुरु यहां से हटेंगे तो केतु भी वहां से हट जाएंगे तो वो भाव आपका खाली हो जाएगा।
सबसे पहला गोचर होगा आपकी कुंडली में शनि का 29 मार्च को। शनि आपकी कुंडली में अष्टम भाव में आ जाएंगे। आप शनि की ढैया के प्रभाव में आ जाएंगे। शनि आपकी कुंडली में दो स्थानों के स्वामी बनते हैं और शनि मारक हैं। आपकी कुंडली में सिंह राशि के लिए शनि अच्छा फल नहीं करते हैं। सिंह राशि के जातकों को जब शनि की अंतदशा आती है तो वो दशा विपरीत होती है। शनि आपकी कुंडली में छठे के भी स्वामी हैं जो रोग, ऋण, शत्रु का भाव होता है। जब चंद्रमा से अष्टम में शनि आते हैं तो आपके मन को आपकी जो पोजीशन है उसको थोड़ा सा डिस्टर्ब करते हैं। यहां पर शनि की सीधी दृष्टि जाती है।
शनि जब यहां पर बैठेंगे तो दशम भाव को देखेंगे। तीसरी दृष्टि जा रही है दशम भाव के ऊपर। आपका कर्म का भाव है। जब शनि की दृष्टि किसी भाव के ऊपर पड़ती है तो उस भाव से संबंधित काम थोड़े से स्लो हो जाते हैं। 2025 में आपने कोई काम शुरू किया है वहां पर आपकी डेडलाइन के मुताबिक चीजें नहीं होंगी, कारोबार में डिले हो सकता है। गुरु आय स्थान में है। गुरु आपकी कुंडली में सीधा पंचम भाव को देख रहे हैं। गुरु भी यहां पर देखेंगे 10वीं दृष्टि से। यदि आप स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं तो वहां पर आपको गुरु की कृपा मिलेगी।
गुरु आपकी कुंडली में पंचम भाव के स्वामी भी है। अब पंचमेश वो 11थ हाउस में आ गया है। पंचम के कारक भी गुरु होते हैं। सिंह राशि के लिए गुरु बहुत अच्छे ग्रह हैं और गुरु पंचम भाव के कारक भी होते हैं। 15 मई के बाद सिंह राशि के जातक जो संतान की एक्सपेक्टेशन कर सकते हैं। यदि संतान है तो संतान पक्ष से अच्छी खबर भी डेफिनेटली जरूर आएगी। गुरु यहां पर बैठे हैं तो एक दृष्टि जा रही है गुरु की सप्तम भाव के ऊपर। सप्तम आपके पार्टनर का भाव होता है, पार्टनरशिप में कोई भी काम करना है तो गुरु के गोचर के बाद ही करिएगा। 15 मई के बाद वो भाव गुरु के प्रभाव में आ जाएगा। पार्टनरशिप के काम के लिहाज से 15 मई के बाद का समय अच्छा है। यह भाव पार्टनर के साथ-साथ लाइफ पार्टनर का भी होता है।
जिनकी शादी नहीं है उनकी शादी हो सकती है। पार्टनर के साथ तालमेल बेटर हो सकता है। गुरु की एक दृष्टि जा रही है आपके तीसरे भाव के ऊपर। 15 मई के बाद आप जो भी काम करेंगे पूरी डिटरमिनेशन के साथ करेंगे। भाई के पक्ष से फायदा हो सकता है, भाई की हेल्थ अच्छी रह सकती है। शनि की अष्टम ढैया वो थोड़ी सी डिस्टर्ब करने वाली थी, उसको आकर गुरु बैलेंस करेंगे। 2025 में 15 मई के बाद अब अगला गोचर आपकी कुंडली में 29 मई को होगा। राहु यहां पर अष्टम भाव में गोचर कर रहे हैं। राहु का अष्टम में गोचर अच्छा नहीं होता। चंद्रमा के ऊपर से भी राहु-केतु का गोचर अच्छा नहीं होगा। चंद्रमा के ऊपर से राहु-केतु आ जाएंगे। केतु यहां पर बैठते हैं तो पंचम को देखते हैं। गुरु भी पंचम को देख रहे हैं, पंचम एक्टिव हो गया और केतु यहां पर बैठेंगे। नाइंथ का एक्टिव होना केतु के द्वारा ये इंडिकेट करता है कि आप रिलीजियस टूरिज्म की तरफ भी जाएंगे। केतु जब चंद्रमा के ऊपर से होते हैं तो आपका स्वभाव थोड़ा सा इरिटेशन वाला जरूर हो जाएगा। ग्यारहवें भाव में गुरु बैठे हुए हैं, तो गुरु वहां पर भी एक्टिव होंगे। तीसरा, पांचवा, सातवां और ग्यारहवां आपके लिए एक्टिव रहेगा। टेंपरामेंट के ऊपर ध्यान रखना पड़ेगा। हेल्थ के लिहाज से भी चीजें ठीक हैं। पूरा साल वैसे कोई बहुत ज्यादा खराबी नहीं होने वाली है। गुरु 11वें भाव में बहुत अच्छे रिजल्ट करते हैं, आपको उसकी ब्लेसिंग्स जरूर मिलेंगी। स्वामी का शुभ गोचर में जाना आपके लिए निश्चित तौर पर अच्छा है।
शनि की ढैया से मुक्ति पाने के लिए उपाय-
ओम शनि शनिश्चराय नमः मंत्र का जाप करें।
शनिवार के दिन शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें।
नरेश कुमार
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