Edited By Niyati Bhandari,Updated: 19 Oct, 2020 09:32 AM
नवरात्र के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की उपासना की जाती है। माता का यह रूप अत्यंत कल्याणकारी और भय का नाश करने वाला है। अत्याचारी राक्षसों के संहार के लिए माता चंद्रघंटा का अवतरण हुआ।
Shardiya Navratri 2020 3rd Day: नवरात्र के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की उपासना की जाती है। माता का यह रूप अत्यंत कल्याणकारी और भय का नाश करने वाला है। अत्याचारी राक्षसों के संहार के लिए माता चंद्रघंटा का अवतरण हुआ।
What does Maa Chandraghanta look like: माता का स्वरूप स्वर्णिम है। माता की दस भुजायें हैं। माता ने एक भुजा में कमल और एक हाथ में कमंडल होने के साथ बाकी की सभी भुजाओं में धनुष, तलवार, त्रिशूल व गदा जैसे घातक अस्त्र-शस्त्र धारण किए हुए हैं। माता सिंह पर सवार युद्ध मुद्रा में असुरों के नाश के लिए तत्पर है। माता के माथे पर एक घंटे के आकार का अर्ध-चन्द्र है, इसी कारण उनको चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। इस घंटे की भयानक ध्वनि से अत्याचारी दानव भय से कांपते हैं। माता गले में श्वेत पुष्पों की माला धारण किए हुए है।
Maa Chandraghanta puja vidhi: माता की पूजा के लिए जातक सुबह जल्दी उठ कर नहा धो कर लाल रंग के वस्त्र धारण करें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर माता की मूर्ति स्थापित करें। फिर धूप-दीप जला कर लाल पुष्प, रक्त चन्दन और लाल चुनरी अर्पित करें। पूजा अर्चना करते समय घंटा अवश्य बजाये। आज के दिन माता की उपासना करने से मणिपुर चक्र में मजबूती आती है।
Shri Chandraghanta Mantra: आज के दिन श्रीदुर्गा सप्तशती का पांचवा अध्याय पढ़ने से विशेष लाभ मिलता है। माता को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप जरुर करें: -
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
What are the blessings of Maa Chandraghanta: माता व्रती की पूजा अर्चना से प्रसन्न हो कर व्रती को शांति और सुखी रहने का आशीर्वाद देती है। जातक के मन से भय दूर होता है व वीरता-निर्भयता और विनम्रता का विकास होता है। माता की कृपा से जातक को जीवन में सभी बाधाओं और पाप से मुक्ति मिलती है।
आचार्य लोकेश धमीजा
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