Jwala Ji- माता ज्वाला की 9 ज्योतियों से जुड़ा ये राज़ क्या जानते हैं आप

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Jun, 2021 09:18 AM

maa jwala devi

माता ज्वाला के नाम से विश्व विख्यात स्थान ज्वाला जी (जो धूमा देवी का स्थान है) हिमाचल प्रदेश के शिमला धर्मशाला रास्ते पर पड़ता है। वहां मंदिर के अंदर पहाड़ की चट्टान से विभिन्न स्थानों से

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Jwala Ji Temple of Kangra: माता ज्वाला के नाम से विश्व विख्यात स्थान ज्वाला जी (जो धूमा देवी का स्थान है) हिमाचल प्रदेश के शिमला धर्मशाला रास्ते पर पड़ता है। वहां मंदिर के अंदर पहाड़ की चट्टान से विभिन्न स्थानों से ज्योतियां बिना दीए-बाती के स्वयं प्रज्ज्वलित रहती हैं। इसीलिए इसे ज्वाला माता के नाम से पुकारा जाता है। इस स्थान पर यूं तो श्रद्धालु जन नित्य ही चमत्कारी ज्योतियों के दर्शनार्थ आते हैं मगर हर वर्ष आश्विन मास के नवरात्रों में भारी भीड़ रहती है तथा अष्टमी के दिन श्रद्धालुओं की उपस्थिति पूर्ण चरम पर होती है।

PunjabKesari Maa Jwala devi

अलौकिक ज्योतियां : ज्वाला जी की अलौकिक ज्योतियां कभी कम या ज्यादा भी रहती हैं जो अधिक से अधिक 14 तथा कम से कम 3 होती हैं जिनका तात्पर्य यह माना जाता है कि यह चतुर्दश दुर्गा चौदह भुवनों की रचना करने वाली हैं जिसमें सत्व, रज व तम तीनों गुण पाए जाते हैं अर्थात ये ज्योतियां मिल कर ही इस संसार का निर्माण करती हैं।

PunjabKesari Maa Jwala devi

नव ज्योतियां अलग-अलग सुख प्रदान करने वाली हैं जैसे कि चांदी के जाले में सुशोभित पहली मुख्य ज्योति का पावन नाम महाकाली है जो मुक्ति-भक्ति देने वाली हैं। इसके नीचे दूसरी ज्योति भंडार भरने वाली महामाया अन्नपूर्णा की हैं। दूसरी ओर शत्रुओं का दमन करने वाली चंडी माता की ज्योति हैैं। चौथी ज्योति हिंगलाज भवानी की है जो समस्त व्याधियों का नाश करने वाली हैं।

PunjabKesari Maa Jwala devi

पांचवीं ज्योति शोक से छुटकारा देने वाली विंध्यवासिनी की हैं, छठी ज्योति धन-धान्य देने वाली महालक्ष्मी की और सातवीं ज्योति भी कुंड में ही विराजमान विद्या दात्री सरस्वती की हैं जबकि आठवीं ज्योति संतान सुख देने वाली अंबिका तथा आयु व सुख प्रदान करने वाली परम-पावन नवम अंजना ज्योति भी यहीं विराजमान हैं।

PunjabKesari Maa Jwala devi

श्रद्धालु जन इन सबके दर्शन व पूजा करते हैं।

PunjabKesari Maa Jwala devi

इतिहास : इस पावन स्थान का इतिहास काफी पुराना है और इस संबंधी अनेकों प्रसंग प्रचलित हैं।

PunjabKesari Maa Jwala devi

मगर इस स्थान के विख्यात होने संबंधी मुख्यत: इसका 51 शक्ति पीठों में से एक होना है जिसके अनुसार इस स्थान पर सती की जिव्हा गिरी थी और ज्वालाएं प्रकट हुईं और यह स्थान ज्वाला माता के नाम से विख्यात हुआ।

PunjabKesari Maa Jwala devi

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Related Story

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!