Edited By Prachi Sharma,Updated: 06 Oct, 2024 10:45 AM
नवरात्रि के पर्व की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में माता के मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ चुका है। आज बात करेंगे नीमच जिले में स्थित मालवा की वैष्णो देवी मंदिर के बारे में।
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Maa Vaishno Devi Mandir: नवरात्रि के पर्व की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में माता के मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ चुका है। आज बात करेंगे नीमच जिले में स्थित मालवा की वैष्णो देवी मंदिर के बारे में। इस मंदिर का नाम भादवा माता मंदिर है लेकिन इसे वैष्णो देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
वैसे तो आम दिनों में भी इस मंदिर में बहुत से भक्त दर्शन करने आते हैं लेकिन नवरात्रों के दौरान इस मंदिर की शोभा देखने वाली होती है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि इस मंदिर के जल से शारीरिक विकलांगता और मानसिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है। भादवा माता के मंदिर के बाईं दिशा में एक बावड़ी यानि कुण्ड है। इसे अमृत बावड़ी के नाम से भी जाना जाता है। विशेष रूप से लकवा के मरीज दूर-दूर से यहां आते हैं क्योंकि यहां की मान्यता है कि माता उनकी बीमारियों को दूर कर सकती हैं। नवरात्रि के समय मंदिर में विशेष पूजा और भव्य आयोजन होते हैं, जहां लोग अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए आते हैं। भक्तों के अनुसार भादवा माता के आशीर्वाद से उन्हें न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार महसूस हुआ है। कई लोग यह बताते हैं कि उन्होंने यहां आने के बाद लकवे के बाद भी धीरे-धीरे सुधार देखा है।
इस मंदिर के इलाज के लिए दो चीजें बहुत ही आवश्यक हैं। एक तो बावड़ी का पानी और दूसरा चार शनिवार शाम की आरती। लकवे जैसे गंभीर बीमारियों को सही करने के लिए यहां सबसे पहले अमृत बावड़ी में स्नान करना पड़ता है और फिर अगले चार शनिवार शाम की आरती करनी होती है। ऐसा करने के बाद देखने में आता है कि भक्तों की परेशानियां माता की कृपा से ठीक हो जाती हैं।