Edited By Jyoti,Updated: 03 Jul, 2020 12:45 PM
कोरोना के चलते अभी भी देश के बहुत से प्राचीन व प्रसिद्ध मंदिरों के कपाट बंद है। इसका कारण है कोरोना की संक्रमण को फैलने से बचाना। परंतु इस दौरान लोगों की आस्था को काफी फिर भी पहुंच रही थी।
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कोरोना के चलते अभी भी देश के बहुत से प्राचीन व प्रसिद्ध मंदिरों के कपाट बंद है। इसका कारण है कोरोना की संक्रमण को फैलने से बचाना। परंतु इस दौरान लोगों की आस्था को काफी फिर भी पहुंच रही थी। इसीलिए अनलॉक 1.0 शुरू होने के बाद धीरे-धीरे देशभर के तमाम मंदिरों को खोलने की भीम शुरू कर दी गई है। लिहाजा हम लोग 1.0 में जहां कुछ मंदिर खोले गए तो वही कुछ मंदिर अनलॉक 2.0 में खोले जा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं विंध्यांचल पर्वत पर स्थित मां विंध्यवासिनी के मंदिर की। जिसे कोरोना के कारण 20 मार्च को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था।
खबरों की मानें तो गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को अब इस मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। मंदिर के खुलते ही यहां भक्तों के जयकारे सुनाई दिए। सुबह की मंगला आरती करने के बाद माता के मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोले गए। हालांकि लिहाजा इस दौरान मंदिर के सुरक्षा के लिए तैनाती पुलिसकर्मियों को यहां पाया गया।
पिंडा समाज के पद धिकारियों को मंदिर में आ रहे श्रद्धालुओं के पूजन की पूरी सजगता से व्यवस्था करते हुए पाया गया है।मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को सैनेटाइज़ करने के बाद परिसर में जाने की अनुमति दी गई। हालांकि बताया जा रहा है कि मंदिर में मुख्य रूप से मां के चरण स्पर्श करना भक्तों के लिए बंद रहेगा। इस दौरान मंदिर परिसर में ग्रह ग्रह के भीतर सिर्फ दो मुख्य पुरोहित ही रहेंगे। बता दें विंध्यांचल पर्वत पर मां विंध्यवासिनी का यह मंदिर धार्मिक महत्व रखता है। जहां माता रानी के दर्शन करने के लिए भक्तों दूर से आते हैं।