Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Feb, 2025 06:40 AM

Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा का महत्व शास्त्रों में बहुत गहरा है। यह दिन विशेष रूप से पुण्य लाभ और आत्मा की शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा का महत्व शास्त्रों में बहुत गहरा है। यह दिन विशेष रूप से पुण्य लाभ और आत्मा की शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष कार्यों को करना बहुत फलदायी होता है। इन शास्त्रीय क्रियाओं को करना, आपके जीवन को धार्मिक दृष्टि से शुद्ध और पवित्र बना सकता है।

तपस्या और साधना: माघ माह की पूर्णिमा को तपस्या और साधना का दिन माना जाता है। इस दिन सूर्योदय से पहले, गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन तन्मय होकर ध्यान या साधना करने से आत्मा को शांति मिलती है।
दान और सेवा: माघ पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से दान करने का महत्व है। यह दान किसी जरूरतमंद को भोजन, वस्त्र या अन्य आवश्यक चीजें देने से लेकर, धार्मिक स्थानों पर भी किया जा सकता है। ऐसा दान आत्मा के शुद्धि के लिए लाभकारी माना जाता है। शास्त्रों में यह कहा गया है कि इस दिन किया गया दान कई गुना फल देता है।
विशेष रूप से "माघ व्रत" करना: माघ माह में व्रत करने की विशेष महिमा है। माघ पूर्णिमा पर इस व्रत का समापन करना विशेष रूप से पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन उपवासी रहकर, सूर्योदय के समय गंगाजल का सेवन और ईश्वर की उपासना करने से व्रति को महान पुण्य मिलता है।

पितरों को तर्पण: माघ पूर्णिमा के दिन पितरों को तर्पण करने की परंपरा है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। तर्पण का कार्य करने से संतान की समृद्धि बढ़ती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। यह एक गुप्त साधना मानी जाती है, जो केवल सही दिशा में किया जाए तो प्रभावशाली होता है।
माघ व्रत कथा का श्रवण: माघ पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से माघ व्रत की कथा सुनने से पुण्य मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, इस कथा में जो उपदेश दिए जाते हैं, वे आत्मा की शुद्धि और जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं।
आध्यात्मिक गुरु का आशीर्वाद: माघ पूर्णिमा के दिन किसी आध्यात्मिक गुरु या साधु-संत से आशीर्वाद लेना भी शास्त्रों में महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा करने से जीवन में मार्गदर्शन मिलता है और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
