Edited By Prachi Sharma,Updated: 13 Feb, 2025 07:23 AM
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महाकुंभ के पांचवें स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया। इसी के साथ लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं का एक माह का कल्पवास भी पूरा हो गया।
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Magh Purnima Snan: महाकुंभ के पांचवें स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया। इसी के साथ लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं का एक माह का कल्पवास भी पूरा हो गया। छठा एवं अंतिम स्नान पर्व अब 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा। बुधवार को संगम से लगभग 15 किलोमीटर के दायरे में चारों ओर भक्तों की भीड़ देखने को मिली। कहीं से किसी भी अप्रिय घटना की फिलहाल कोई सूचना नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह 4 बजे से ही लखनऊ में अपने आधिकारिक आवास में बने ‘वार रूम’ से मेला क्षेत्र की निगरानी कर रहे थे। उनके साथ पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
क्रिकेटर अनिल कुंबले ने आम श्रद्धालुओं की तरह अपनी पत्नी चेतना रामतीर्थ के साथ संगम में स्नान किया। बिना वीआईपी प्रोटोकॉल के वह पत्नी के साथ नाव से संगम गए और स्नान के साथ ही सूर्यदेव को अर्घ्य दिया। महाकुंभ मेले में कल्पवास कर रहे करीब 10 लाख कल्पवासियों का संकल्प माघी पूर्णिमा स्नान के साथ पूरा हो गया और उन्होंने अपने-अपने घरों के लिए प्रस्थान शुरू कर दिया।
‘त्रिवेणी संगम आरती सेवा समिति’ के संस्थापक और तीर्थ पुरोहित राजेंद्र मिश्रा ने बताया, ‘पिछली पूर्णिमा पर कल्पवास का संकल्प लेने वाले कल्पवासियों का संकल्प पूरा हो गया है। उन्होंने एक महीने तक सभी यम, नियम और संयम, आदर्श सात्विक जीवन का अक्षरशः पालन करने, भूमि पर शयन करने, तीन बार स्नान करने, स्वयं भोजन बनाकर एक समय भोजन करने, यथोचित दान करने और गुरु की वाणी का श्रवण करने का संकल्प लिया था। दो-तीन दिनों में सभी कल्पवासी प्रस्थान कर जाएंगे।’ इस दौरान रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों सहित शहर की सड़कों पर भी भारी भीड़ देखने को मिली। परिवहन विभाग ने अतिरिक्त 1200 शटल बसें मेले के लिए लगाई हैं जो हर 10 मिनट में श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध हैं। महाकुंभ मेला 26 फरवरी को संपन्न होगा।
लेटे हनुमान मंदिर और डिजिटल सेंटर रहे बंद
महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने और भीड़ को जल्दी बाहर निकालने के उद्देश्य से लेटे हनुमान मंदिर, अक्षयवट और डिजिटल महाकुंभ सेंटर को बंद रखा गया। संगम पर पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात किए गए। वहां लोगों को रुकने नहीं दिया जा रहा। भीड़ नियंत्रण करने के लिए पहली बार मेले में 15 जिलों के डीएम, 20 आईएएस और 85 पीसीएस अधिकारी तैनात किए गए हैं।
8-10 किमी चलना पड़ा पैदल
प्रयागराज जाने वाले रास्तों में भीषण जाम के बाद प्रशासन ने ट्रैफिक प्लान बदल दिया था। शहर में वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई। श्रद्धालुओं को संगम पहुंचने के लिए 8 से 10 किमी तक पैदल चलना पड़ा। पार्किंग से शटल बसें चल रही थीं लेकिन ये बेहद सीमित हैं। कई श्रद्धालु पेड़ के नीचे लेटे दिखाई दिए।
रेलवे ने चलाईं 190 ट्रेनें, फिर भी नहीं थमी भीड़
रेलवे की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक, बुधवार दोपहर 3 बजे तक यात्रियों की सुविधा के लिए 190 ट्रेनें चलाई गईं। 9.46 लाख से अधिक यात्रियों ने इनमें सफर किया। इसके बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ कम नहीं हुई। सारी ट्रेनें फुल रहीं।