Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Dec, 2024 09:48 AM
लखनऊ/अयोध्या (एजैंसी): प्रयागराज में अगले साल होने वाले महाकुम्भ में श्रद्धा की डुबकी लगाने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के वास्ते पहुंचने की संभावना है।
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लखनऊ/अयोध्या (एजैंसी): प्रयागराज में अगले साल होने वाले महाकुम्भ में श्रद्धा की डुबकी लगाने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के वास्ते पहुंचने की संभावना है। अयोध्या नगर निगम के अनुसार 13 जनवरी से 12 फरवरी के बीच करीब ढाई करोड़ श्रद्धालुओं के शहर में आने की संभावना है। नगर निगम के अधिकारियों को नववर्ष के दिन अयोध्या में करीब तीन से पांच लाख श्रद्धालुओं के आने की भी उम्मीद है।
अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने रविवार को बताया, ‘हमें उम्मीद है कि प्रयागराज में महाकुंभ में आने वाले करीब 10 फीसदी श्रद्धालु भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या आएंगे। चूंकि महाकुंभ में 25 करोड़ लोगों के आने की संभावना है, इसलिए हमारा मानना है कि 2.5 से तीन करोड़ श्रद्धालु अयोध्या आएंगे। फिलहाल अयोध्या में रोजाना डेढ़ से दो लाख लोग आ रहे हैं। नए साल के दिन तीन से पांच लाख लोग शहर आएंगे। पांच हजार लोगों के ठहरने की क्षमता वाली टेंट सिटी (अयोध्या में) स्थापित करने का प्रस्ताव पर्यटन विभाग को भेजा गया है। कई स्थानों पर रैन बसेरे बनाए गए हैं और अलाव की व्यवस्था की गई है।'
' महाकुम्भ- 2025 उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा। महाकुम्भ के बारे में विस्तार से बताते हुए प्रयागराज के ‘राम नाम बैंक' के संयोजक आशुतोष वार्ष्णेय ने कहा कि महाकुम्भ मेले में स्नान करना सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है।
उन्होंने कहा कि त्रिवेणी संगम (नदियों के संगम) पर लाखों तीर्थयात्री इस पवित्र प्रथा में भाग लेने के लिए एक साथ आते हैं। वार्ष्णेय ने बताया कि स्नान अनुष्ठान के अलावा, तीर्थयात्री गंगा के तट पर पूजा भी करते हैं। महाकुम्भ अवधि के दौरान गंगा में डुबकी लगाने के बाद अगर किसी श्रद्धालु को अयोध्या में भगवान राम के दर्शन करने का अवसर मिलता है, तो यह निश्चित रूप से उनके लिए एक अतिरिक्त दिव्य क्षण होगा।