Edited By Prachi Sharma,Updated: 14 Jan, 2025 07:51 AM
महाकुंभनगर में सोमवार को पौष पूर्णिमा स्नान के साथ हजारों की संख्या में कल्पवासियों ने विश्व कल्याण की कामना के साथ मां तुलसी का पूजन कर कल्पवास का शंखनाद किया।
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Maha Kumbh: महाकुंभनगर में सोमवार को पौष पूर्णिमा स्नान के साथ हजारों की संख्या में कल्पवासियों ने विश्व कल्याण की कामना के साथ मां तुलसी का पूजन कर कल्पवास का शंखनाद किया। धर्म संघ अध्यक्ष एवं तीर्थ पुरोहित राजेंद्र पालीवाल ने बताया कि माघ मास में 2 चक्र में लोग कल्पवास करते हैं। पहले खंड में मकर संक्रांति से माघ शुक्लपक्ष की मकर संक्रांति तक मैथिल ब्राह्मण कल्पवास करते हैं। दूसरे खण्ड पौष पूर्णिमा से माघी पूर्णिमा तक साधु-संत एवं बड़ी संख्या में गृहस्थ कल्पवास करते हैं।
उन्होंने बताया कि गृहस्थ कल्पवासी गंगा के तीरे विस्तीर्ण रेती पर भैतिक सुख का त्यागकर आध्यात्म में लीन होकर काया शोधन का एक माह तक कल्वास करेंगे। तड़के गंगा स्नान कर अपने-अपने शिविरों में भगवान की पूजा, भजन करने के साथ साधु संतों के प्रवचन सुनेंगे। इस दौरान कल्पवासी भौतिक सुख का त्याग कर सात्विक जीवन जीने का निर्वहन करेंगे। ऐसा माना जाता है कि गंगा, यमुना, और सरस्वती के संगम पर प्रयाग में मकर संक्रांति के दिन सभी देवी-देवता अपना स्वरूप बदलकर स्नान करने आते हैं।