Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Sep, 2024 10:39 AM
महाकुंभ 2025 Maha Kumbh 2025 प्रयागराज में 29 जनवरी 2025 से बुधवार के दिन माघ मौनी अमावस पर सूर्य और चन्द्रमा मकर राशि में संयोग करने जा रहे हैं। गुरु वृष राशि में संचार करेंगे, जिससे प्रयागराज में त्रिवेणी के तट पर कुम्भ महापर्व आयोजित होगा।
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Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जो हर 12 वर्ष में आयोजित होता है। यह आयोजन गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित प्रयागराज (पूर्व का इलाहाबाद) में होता है। महाकुंभ का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत है। महाकुंभ का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए यह आयोजन एक अद्भुत अवसर है अपने पापों से मुक्ति पाने और आत्मा की शुद्धि के लिए। इस पवित्र अवसर पर लाखों लोग एकत्र होते हैं, जो न केवल भारत से, बल्कि विदेशों से भी आते हैं। इस पर्व के दौरान पवित्र स्नान करने से लोगों की आस्था और भक्ति में वृद्धि होती है।
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ के दौरान विभिन्न धार्मिक गतिविधियां जैसे यज्ञ, भजन-कीर्तन और प्रवचन, आयोजित किए जाते हैं। साधु-संत और विभिन्न धार्मिक संप्रदायों के गुरु यहां आकर अपने अनुयायियों को मार्गदर्शन देते हैं। यह अवसर सामुदायिक एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने का भी कार्य करता है।
Prayagraj Kumbh Mela 2025: हिंदू संस्कृति की धरोहर कुंभ मेले का आयोजन हर 3 साल बाद, 6 साल में अर्धकुंभ और प्रत्येक 12 साल में महाकुंभ होता है। 2025 में महाकुम्भ होने जा रहा है, इससे पहले 2013 में प्रयागराज में महाकुम्भ का आयोजन हुआ था। 2019 में प्रयाग में अर्धकुम्भ मेला लगा था। सिद्धि योग में 29 जनवरी वर्ष 2025 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आरंभ होगा। 29 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक इस महासंगम में डुबकी लगाने का महापुण्य प्राप्त होगा।
Kumbh Mela 2025 Date and Place: 29 जनवरी 2025 बुधवार के दिन माघ मौनी अमावस पर सूर्य और चन्द्रमा मकर राशि में संयोग करने जा रहे हैं। गुरु वृष राशि में संचार करेंगे, जिससे प्रयागराज में त्रिवेणी के तट पर कुम्भ महापर्व आयोजित होगा।