Edited By Sarita Thapa,Updated: 22 Feb, 2025 11:08 AM

Maha kumbh 2025: 13 जनवरी की पौष पूर्णिमा को शुरू हुआ महाकुंभ अब 26 जनवरी महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होने जा रहा है। महाकुंभ में स्नान और दान का बहुत खास महत्व है।
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Maha kumbh 2025: 13 जनवरी की पौष पूर्णिमा को शुरू हुआ महाकुंभ अब 26 जनवरी महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होने जा रहा है। महाकुंभ में स्नान और दान का बहुत खास महत्व है। महाकुंभ में स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है और देवताओं को प्रसन्न करने का एक विशेष अवसर होता है। महाकुंभ के दौरान स्नान और प्रमुख पर्व स्नान के दिन विशेष महत्व रखते हैं। इन दिनों स्नान करने से अधिक पुण्य फल प्राप्त होता है। माना जाता है कि महाकुंभ के दौरान स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी पापों का नाश होता है। तो आइए जानते हैं कि महाकुंभ स्नान के देवताओं को कैसे प्रसन्न करें।

महाकुंभ के दौरान इस पूजा विधि से करें देवों को प्रसन्न

महाकुंभ में स्नान करने से पहले श्रद्धालुओं को गंगाजल लेकर वरुण देव का ध्यान करना चाहिए।
इसके बाद माता गंगा, भगवान विष्णु और शिव जी का ध्यान करें।
स्नान से पहले तांबे के पात्र में जल लेकर उसमें फूल, चंदन और तुलसी का पत्ता डालें।
फिर स्नान के बाद ब्राह्मणों, साधु-संतों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, दक्षिणा और गंगाजल दान करें।
अब स्नान के बाद भगवद गीता, विष्णु सहस्रनाम, शिव चालीसा और रामायण का पाठ करें।
अंत में सभी देवताओं का ध्यान करते हुए उनके मंत्रों का जाप करें।
धार्मिक मान्ताओं के अनुसार, इस दिन इन विधियों का पालन करने से मन की हर इच्छा पूरी होती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
