Edited By Sarita Thapa,Updated: 08 Jan, 2025 07:56 AM
महाकुम्भ नगर: महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को देवलोक की अनुभूति कराने के लिए मेला प्रशासन पूरे मेला क्षेत्र में 30 पौराणिक द्वारों का निर्माण करा रहा है।
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महाकुम्भ नगर: महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को देवलोक की अनुभूति कराने के लिए मेला प्रशासन पूरे मेला क्षेत्र में 30 पौराणिक द्वारों का निर्माण करा रहा है। मेला प्रशासन के मुताबिक, मेला क्षेत्र में एक द्वार पर विशाल डमरू बनाया गया है तो अन्य पर कच्छप, समुद्र मंथन और नंदी द्वार बनाए गए हैं। प्रदेशभर से आए कारीगरों ने इन द्वारों का निर्माण किया है।
सबसे पहले मेला क्षेत्र में प्रवेश करते ही 14 रत्न वाला द्वार श्रद्धालुओं का स्वागत करता दिखाई देगा। इसमें ऐरावत, कामधेनु गाय, घोड़ा, कौस्तुभ मणि, कल्पवृक्ष, रंभा अप्सरा, महालक्ष्मी, चंद्रमा, सारंग धनुष, शंख, धन्वंतरि, अमृत कलश आदि शामिल हैं। इसके बाद नंदी द्वार और भोले भंडारी का विशालकाय डमरू नजर आएगा, जिसकी लंबाई 100 फुट और ऊंचाई लगभग 50 फुट से भी अधिक है। इस विशालकाय डमरू को बनाने में बड़ी संख्या में कारीगर जुटे हैं।