Edited By Prachi Sharma,Updated: 30 Jan, 2025 07:51 AM
1954-आजादी के बाद पहली बार वर्ष 1954 में प्रयागराज में कुंभ आयोजित किया गया था। 3 फरवरी 1954 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में कुंभ मेले में मौनी अमावस्या
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1954-आजादी के बाद पहली बार वर्ष 1954 में प्रयागराज में कुंभ आयोजित किया गया था। 3 फरवरी 1954 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में कुंभ मेले में मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर पवित्र स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई। इस हादसे में लगभग 1000 लोगों की जान चली गई थी।
1986-इस वर्ष हरिद्वार में कुंभ का आयोजन किया गया था। इस दौरान मची भगदड़ में भी दर्जनों लोग दबकर मर गए थे। 14 अप्रैल 1986 को इस मेले में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह, कई राज्यों के सी.एम. और सांसदों के साथ हरिद्वार पहुंचे थे। इस कारण आम लोगों की भीड़ को तट पर पहुंचने से रोका गया। इससे भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हादसे में 200 लोगों की मौत हुई थी।
2003-इस बार कुंभ का आयोजन नासिक में किया गया था। इस हादसे में 39 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
2010- इस बार का कुंभ मेला हरिद्वार में हुआ।
14 अप्रैल 2010 को शाही स्नान के दौरान साधुओं और श्रद्धालुओं के बीच झड़प के बाद भगदड़ मच गई जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी और 15 अन्य घायल हो गए थे।
2013-इस बार कुंभ का आयोजन प्रयागराज में हुआ। इस बार हादसा इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर हुआ था। इस हादसे में 42 लोगों की मौत हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर एक फुटब्रिज पर रेलिंग गिरने के बाद भगदड़ मची थी। हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि स्टेशन पर भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया, इस वजह से भगदड़ मची।
मंदिरों और अन्य धार्मिक समारोहों में भगदड़ से हुई मौतें
2 जुलाई, 2024: उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ से 121 लोगों की मौत।
31 मार्च, 2023: इंदौर के मंदिर में रामनवमी के दौरान प्राचीन ‘बावड़ी’ के ऊपर बने स्लैब के ढहने से 36 की मौत।
1 जनवरी, 2022: वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ से 12 लोगों की मौत।
14 जुलाई, 2015: आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी के तट पर भगदड़ से 27 तीर्थयात्रियों की मौत।
3 अक्तूबर, 2014: दशहरा समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद पटना के गांधी मैदान में भगदड़ मचने से 32 लोग मारे गए।
13 अक्तूबर, 2013: मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान मची भगदड़ में 115 लोग मारे गए।
19 नवम्बर, 2012: पटना में गंगा नदी के तट पर अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से मची भगदड़ में लगभग 20 लोग मारे गए।
8 नवम्बर, 2011: हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हर-की पौड़ी घाट पर भगदड़ में कम से कम 20 लोग मारे गए।
14 जनवरी, 2011: केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में एक जीप के तीर्थयात्रियों को टक्कर मार देने के कारण मची भगदड़ में सबरीमाला के कम से कम 104 श्रद्धालु मारे गए।
4 मार्च, 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भगदड़ में लगभग 63 लोग मारे गए।
30 सितम्बर, 2008 : राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह के कारण मची भगदड़ में लगभग 250 श्रद्धालु मारे गए।
3 अगस्त, 2008 : हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर में चट्टान खिसकने की अफवाह के कारण मची भगदड़ में 162 लोग मारे गए।
25 जनवरी, 2005: महाराष्ट्र के सतारा जिले में मंधारदेवी मंदिर में वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 340 से अधिक श्रद्धालुओं की कुचले जाने की वजह से मौत हो गई।
27 अगस्त, 2003 : महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में पवित्र स्नान के दौरान भगदड़ में 39 लोग मारे गए।