Edited By Prachi Sharma,Updated: 20 Feb, 2025 08:33 AM
26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए ये दिन बहुत ही सुनहरा होता है। महाशिवरात्रि के दिन भक्त विशेष रूप से रात्रि में जागकर शिवजी की पूजा करते हैं
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Maha Shivaratri 2025: 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए ये दिन बहुत ही सुनहरा होता है। महाशिवरात्रि के दिन भक्त विशेष रूप से रात्रि में जागकर शिवजी की पूजा करते हैं, जिससे वे भगवान शिव की कृपा प्राप्त करते हैं। शिवजी की पूजा में भक्ति, तप, साधना, और सही मंत्रों का जाप अत्यंत लाभकारी होता है। महाशिवरात्रि के दिन, विशेष रूप से एक विशेष प्रकार के पाठ करने का महत्व है, जो शत्रुओं को नष्ट करने में सहायक होता है। भगवान शिव की पूजा से शत्रुओं का विनाश होता है और उनके द्वारा किए गए सभी गलत कार्यों का नाश होता है। महाशिवरात्रि पर किए गए कुछ खास मंत्रों और पाठों के बारे में बात करेंगे, जिन्हें करने से न केवल शत्रुओं का नाश होता है बल्कि व्यक्ति को जीवन में शांति, समृद्धि और सुरक्षा का भी आशीर्वाद मिलता है।
श्री शिव रुद्राष्टकम
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम्।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम्॥
निराकार मोंकार मूलं तुरीयं, गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकाल कालं कृपालुं, गुणागार संसार पारं नतोऽहम्॥
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं, मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरम्।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा, लसद्भाल बालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥
चलत्कुण्डलं शुभ्र नेत्रं विशालं, प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं, प्रिय शंकरं सर्वनाथं भजामि॥
प्रचण्डं प्रकष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु कोटि प्रकाशम् ।
त्रयशूल निर्मूलनं शूल पाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भाव गम्यम्॥
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी, सदा सच्चिनान्द दाता पुरारी।
चिदानन्द सन्दोह मोहापहारी, प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी॥
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं, भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्।
न तावद् सुखं शांति सन्ताप नाशं, प्रसीद प्रभो सर्वं भूताधि वासं॥
न जानामि योगं जपं नैव पूजा, न तोऽहम् सदा सर्वदा शम्भू तुभ्यम्।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं, प्रभोपाहि आपन्नामामीश शम्भो॥
रूद्राष्टकं इदं प्रोक्तं विप्रेण हर्षोतये
ये पठन्ति नरा भक्तयां तेषां शंभो प्रसीदति॥
॥ इति श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम्॥

Benefits of reading Rudrashtakam रुद्राष्टकम पढ़ने के लाभ
रुद्राष्टकम का पाठ करने से शत्रु की सारी चालें विफल हो जाती हैं।
महाशिवरात्रि के दिन इसका पाठ करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
आत्मबल और साहस में वृद्धि के लिए भी यह पाठ बेहद खास होता है।
