Edited By Prachi Sharma,Updated: 19 Jan, 2025 07:14 AM
प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025 न केवल सांस्कृतिक और सामाजिक बल्कि आर्थिक रूप से भी ऐतिहासिक प्रभाव डालने जा रहा है।
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महाकुंभ नगर (विशेष, नासिर): प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025 न केवल सांस्कृतिक और सामाजिक बल्कि आर्थिक रूप से भी ऐतिहासिक प्रभाव डालने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में इसके माध्यम से 4.5 लाख करोड़ रुपए के कारोबार और यू.पी. की जी.डी.पी. में 1 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया। इसके साथ ही 45 दिन तक चलने वाले इस भव्य आयोजन के दौरान जी.एस.टी. संग्रहण में भारी बढ़ौतरी की संभावना है।
दुनियाभर से करोड़ों श्रद्धालुओं के आने और खर्च करने से न केवल मांग में इजाफा होगा बल्कि उत्पादन और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। छोटे और बड़े व्यापारियों को भी इससे बड़ा आर्थिक लाभ होगा।
सरकार को इससे होने वाला राजस्व राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास में लगाया जाएगा, जिससे प्रदेश का समग्र विकास तेज होगा। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और सी.ए. पंकज गांधी जायसवाल के अनुसार महाकुंभ 2025 यू.पी. की नाममात्र और वास्तविक जी.डी.पी. दोनों को एक प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अनुमान लगाया है कि इस बार महाकुंभ में करीब 45 करोड़ लोग भाग लेंगे। ये लोग काशी, अयोध्या और चित्रकूट जैसे अन्य प्रमुख स्थलों की यात्रा भी करेंगे। प्रत्येक व्यक्ति का औसत खर्च 10,000 रुपए होने का अनुमान है। जब इसे 45 करोड़ लोगों से गुणा किया जाए तो कुल आर्थिक गतिविधि 4.5 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है।
भले ही 10 प्रतिशत की त्रुटि मानकर यह गणना की जाए, तो भी कुल योगदान 4.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक होगा। यह न केवल यू.पी. की तिमाही जी.डी.पी. को मजबूत करेगा बल्कि भारत की वार्षिक जी.डी.पी. में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
जायसवाल के अनुसार सरकार का महाकुंभ में किया गया लगभग 16,000 करोड़ रुपए का निवेश कई गुना लाभ देगा। अनुमानित 4 लाख करोड़ रुपए की आर्थिक गतिविधि पर जी.एस.टी. संग्रहण ही 50,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। आयकर और अन्य अप्रत्यक्ष करों को मिलाकर यह आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपए तक जा सकता है।
प्रयागराज के वरिष्ठ सी.ए. अनिल गुप्ता ने बताया कि महाकुंभ का आध्यात्मिक महत्व तो है ही, लेकिन इसका आर्थिक प्रभाव भी बहुत बड़ा है। रेलवे, परिवहन, बिजली और भूमि किराए से होने वाली आय को जोड़कर लगभग 1 लाख करोड़ रुपए का राजस्व उत्पन्न होने की संभावना है। महाकुंभ 2025 में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। गुप्ता ने बताया कि पहले प्रयागराज में 5-स्टार और 7-स्टार होटल नहीं थे लेकिन अब यहां अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए ये सुविधाएं उपलब्ध हैं।
डा. ए.के. सिंघल, जो इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के पूर्व डीन हैं, ने इस आयोजन को यू.पी. सरकार की बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा, “महाकुंभ का आर्थिक प्रभाव राज्य के हर कोने में महसूस किया जाएगा। देश और विदेश से करोड़ों लोग यहां आकर परिवहन, खरीदारी और अन्य गतिविधियों में खर्च करेंगे, जिससे सभी वर्गों को लाभ होगा।”
डा. सिंघल ने अनुमान लगाया कि इस आयोजन से 40,000 से 50,000 करोड़ रुपए तक का राजस्व उत्पन्न होगा। यह आय राज्य के विकास में लगाई जाएगी, जिससे ‘सबका साथ, सबका विकास’ की परिकल्पना को साकार किया जाएगा। इस आयोजन के दौरान जी.एस.टी. संग्रहण तीन गुना तक बढ़ने और पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ने से राज्य की अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।