Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Sep, 2023 10:54 AM
![mahalaxmi vrat](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2023_9image_07_39_306991443mahalaxmivrat-ll.jpg)
भाद्रपद माह में पड़ने वाला 16 दिन का महालक्ष्मी व्रत धन की देवी मां लक्ष्मी की आराधना करने वालों के लिए बहुत खास होता है। अष्टमी तिथि के दिन इस व्रत की शुरुआत होती है और अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Mahalaxmi Vrat 2023: भाद्रपद माह में पड़ने वाला 16 दिन का महालक्ष्मी व्रत धन की देवी मां लक्ष्मी की आराधना करने वालों के लिए बहुत खास होता है। अष्टमी तिथि के दिन इस व्रत की शुरुआत होती है और अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन इसका समापन होता है। कहते हैं इस दौरान मां की पूजा करने से धन-दौलत, ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। घर में हमेशा बरकत बनी रहती है। तो चलिए जानते हैं, वर्ष साल 2023 में महालक्ष्मी व्रत की डेट, पूजा मुहूर्त और महत्व।
![PunjabKesari Mahalaxmi Vrat](https://static.punjabkesari.in/multimedia/07_41_141153763laxmi-4.jpg)
Mahalakshmi fast date 2023 महालक्ष्मी व्रत तिथि:
हिंदू पंचांग के अनुसार महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत 22 सितंबर 2023 शुक्रवार से होगी और 6 अक्टूबर 2023 पर इसका समापन होगा। जिस दिन इस व्रत की शुरुआत होगी, उस दिन ललिता सप्तमी और दूर्वा अष्टमी भी मनाई जाएगी।
![PunjabKesari Mahalaxmi Vrat](https://static.punjabkesari.in/multimedia/07_41_259435725shubh-muhurat.jpg)
Mahalaxmi Vrat Muhurta महालक्ष्मी व्रत मुहूर्त:
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 22 सितंबर 2023 दोपहर 01 बजकर 35 मिनट पर होगी और 23 सितंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर इसका समापन होगा। कई बार तिथियों के घटने-बढ़ने की वजह से व्रत की अवधि कभी बढ़ जाती है तो कभी घट जाती है। वर्ष 2023 में संपूर्ण महालक्ष्मी व्रत 15 दिन के हैं।
सुबह का मुहूर्त- सुबह 07.40 से सुबह 09.11 तक
दोपहर का मुहूर्त- दोपहर 12.14 से दोपहर 01.45 तक
रात का मुहूर्त- रात 09.16 से रात 10.45 तक
![PunjabKesari Mahalaxmi Vrat](https://static.punjabkesari.in/multimedia/07_41_056933310laxmi--3.jpg)
Importance of mahalakshmi fast महालक्ष्मी व्रत महत्व
ग्रंथों और पुराणों के अनुसार इस व्रत को दुख और दरिद्रता का नाश करने वाला माना गया है। जो साधक इस व्रत को करता है, मां लक्ष्मी उनसे हमेशा प्रसन्न रहती हैं। कहते हैं इस व्रत से खोया हुआ धन, राज-पाठ और मान-सम्मान वापिस मिल जाता है। किवदंतियों के अनुसार जब पांडवों ने कौरवों के साथ चौपड़ के खेल में सब कुछ गवां दिया था, तब श्री कृष्ण की सलाह से पांडवों ने धनदायक महालक्ष्मी व्रत किया था।