Edited By Jyoti,Updated: 11 Jul, 2019 02:33 PM
सावन का महीने शुरु होते ही शिव जी भक्त उन्हें प्रसन्न करने में लग जाते हैं। कुछ इस दौरान महेश्वर की विशेष तरह की पूजा करते हैं तो वहीं बहुत से लोग देश के विभिन्न मंदिरों में जाकर भोलेनाथ के दर्शन करते हैं।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
सावन का महीने शुरु होते ही शिव जी भक्त उन्हें प्रसन्न करने में लग जाते हैं। कुछ इस दौरान महेश्वर की विशेष तरह की पूजा करते हैं तो वहीं बहुत से लोग देश के विभिन्न मंदिरों में जाकर भोलेनाथ के दर्शन करते हैं। तो अगर आप भी सावन में भगवान शिव के अलग-अलग मंदिरों के दर्शन करने के इच्छुक हैं तो आज का हमारा ये आर्टकिल आप ही के लिए हैं। क्योंकि हम आपके लिए लाएं हैं शिव जी का एक ऐसा प्राचीन धार्मिक स्थल जिसके बारे में जानकर आप शायद हैरान हो जाएंगे।
जिस स्थान के बारे में हम बात कर रहे हैं वहां एक ऐसा है शिवलिंग के बारे में जहां जाने पर मृत व्यक्ति भी जीवित हो जाता है। प्रकृति की वादियों में बसा यह गांव देहरादून से 128 कि.मी. की दूरी पर यमुना नदी की तट पर स्थित लाखामंडल नामक के बर्नीगाड़ नामक जगह से 4-5 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। बताया जाता है इस स्थान की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 1372 मीटर है। दिल को मोह लेने वाली यह जगह गुफाओं और भगवान शिव के मंदिर के प्राचीन अवशेषों से घिरी हुई है। कहा जाता है यहां पर स्थित हज़ारों ऐतिहासिक शिवलिंग खुदाई के दौरान मिलें थे।
इस जगह से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत काल में पांडवों को जीवित आग में भस्म करने के लिए कौरवों ने यहीं भालाओं का निर्माण करवाया था।
तो वहीं कुछ मान्यताओं की अज्ञातवास के दौरान इसी स्थान पर स्वयं युधिष्ठिर ने शिवलिंग को स्थापित किया था, जिसे महामंडेश्वर के नाम से जाना जाता है। आज के समय में जहां युधिष्ठिर ने शिवलिंग स्थापित किया था वहां एक बहुत खूबसूरत मंदिर निर्मित है। शिवलिंग के ठीक सामने दो द्वारपाल पश्चिम की तरफ़ मुंह करके खड़े हुए दिखाई देते हैं।
लोक मान्यता है कि इस मंदिर में अगर किसी शव को इन द्वारपालों के सामने रखकर पुजारी उस पर पवित्र जल छिड़कते हैं तो वह मृत व्यक्ति कुछ समय के लिए पुन: जीवित हो जाता है। जीवित होने के बाद वह भगवान का नाम लेता है और जिसके बाद उसे गंगाजल प्रदान किया जाता है।
गंगाजल ग्रहण करते ही उसकी आत्मा फिर से शरीर त्यागकर चली जाती है। मगर लेकिन आज तक इस बात का रहस्य कोई नहीं जान पाया है। इस मंदिर से जुड़ी क रहस्यमयी बात ये है कि शिवलिंग के समक्ष खड़े दो द्वारपाल में से एक का हाथ कटा हुआ है। मगर ऐसा क्यों हैं, इससे आज तक हर कोई अंजान है।
(इस आर्टिकल में दी गई जानकारी लोक मान्यताओं पर आधारित हैं।)