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Maha Navami vrat parana: महानवमी पर कर रहे हैं चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण तो जान लें ये नियम

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Apr, 2025 07:47 AM

Mahanavmi Chaitra Navratri Paran: नवरात्र का पर्व बेहद शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। इस महापर्व का अर्थ है कि नौ दिन और नौ रातों तक माता दुर्गा की पूजा करना। यह पावन समय देवी भक्तों के लिए बहुत ही खास होता है। इस दौरान साधक भाव के साथ माता रानी के...

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Mahanavmi Chaitra Navratri Paran: नवरात्र का पर्व बेहद शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। इस महापर्व का अर्थ है कि नौ दिन और नौ रातों तक माता दुर्गा की पूजा करना। यह पावन समय देवी भक्तों के लिए बहुत ही खास होता है। इस दौरान साधक भाव के साथ माता रानी के लिए व्रत रखते हैं और उनकी विभिन्न तरीकों से पूजा करते हैं। नवरात्र व्रत का बड़ा धार्मिक महत्व है। इस दौरान व्रती कुछ खाद्य पदार्थों और आदतों का त्याग करते हैं। इस उपवास से शरीर, आत्मा और मन शुद्ध होता है।

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ऐसा माना जाता है कि जो लोग श्रद्धाभाव के साथ व्रत रखते हैं और इसके सभी नियमों का पालन करते हैं, उन्हें अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है।  जिस तरह से नवरात्रि का व्रत करने के नियम है ठीक उसी तरह नवरात्रि व्रत के पारण के नियम भी बताएं गए हैं। नवरात्रि व्रत का पारण कैसे करें, तो आईए जानते हैं।

अगर आप भी चैत्र नवरात्र का व्रत रख रहे हैं, तो आपको इस व्रत का महत्व जरूर जान लेना चाहिए। नवरात्र के नौवें दिन, जिसे महानवमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग आम तौर पर कन्या पूजन और देवी की विशेष आराधना करके अपने व्रत का पारण करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो प्रसाद माता रानी को भोग में अर्पित किया गया हो उसे ही पारण समय के अनुसार ग्रहण करना चाहिए।  इससे नवरात्र व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

व्रत तोड़ने की इस परम्परा का पालन करने के लिए मुहूर्त या समय देखने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि इसमें कन्या पूजन के बाद महाअष्टमी या महानवमी तिथि के दिन स्वतः ही व्रत को तोड़ा जा सकता है। इस व्रत को पारण करने के कुछ नियम भी हैं।

नवमी के दिन पवित्र नदी में स्नान करें।  ऐसा संभव न हो तो पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें।

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इसके बाद देवी दुर्गा की विधि अनुसार पूजा करें।

पारण समय के अनुसार व्रत का पारण करें।

माता रानी के प्रसाद से ही व्रत खोलें।

फल, भीगे हुए मेवे या दही जैसे आसानी से पचने वाले पदार्थों के साथ व्रत को धीरे-धीरे तोड़ें।

भारी भोजन, तले हुए भोजन या बहुत मसालेदार किसी भी चीज को खाने से बचें।

अपने शरीर की सुनें और अगले कुछ दिनों में धीरे-धीरे खुराक का आकार बढ़ाएं।

कुछ लोग व्रत का पारण करने के बाद ही प्याज लहसुन का सेवन करना शुरू कर देते हैं लेकिन ऐसा करना सही नहीं हैं। अगर आपने नवरात्रि में प्याज लहसुन का सेवन नहीं किया है तो दशमी तिथि के बाद ही शुरू करें।

इसके अलावा तामसिक चीजों से भी दूरी बनाकर रखें। 

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