Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Jan, 2023 09:20 AM
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छत्रसाल भारत के मध्ययुग के एक प्रतापी योद्धा थे, जिन्होंने मुगल शासक औरंगजेब से युद्ध करके बुंदेलखंड में अपना राज्य स्थापित किया और ‘महाराजा’ की पदवी प्राप्त की।
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Maharaja Chhatrasal story: छत्रसाल भारत के मध्ययुग के एक प्रतापी योद्धा थे, जिन्होंने मुगल शासक औरंगजेब से युद्ध करके बुंदेलखंड में अपना राज्य स्थापित किया और ‘महाराजा’ की पदवी प्राप्त की। वह बचपन से ही निडर थे। उनसे जुड़ा यह प्रसंग उस समय का है जब दिल्ली की गद्दी पर मुगल शासक औरंगजेब बैठ चुका था। उस समय छत्रसाल किशोर थे। वह विंध्यावासिनी देवी के मंदिर में दर्शन के लिए गए। वहां काफी भीड़ थी।
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छत्रसाल फूल तोड़नें के लिए हमउम्र दूसरे बालकों के साथ जंगल में पहुंचे। उसी बीच कुछ मुस्लिम सैनिक वहां आए। वे घोड़े पर सवार थे।
उन्होंने पूछा, ‘‘विंध्यवासिनी का मंदिर कहां है ?’’
छत्रसाल बोले, ‘‘भाग्यशाली हो, माता का दर्शन करने के लिए जा रहे हो। सीधे सामने जो टीला दिख रहा है वहीं मंदिर है।’’
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सैनिक ने कहा, ‘‘हम माता के दर्शन करने नहीं जा रहे, हम तो मंदिर को तोड़नें के लिए जा रहे हैं।
छत्रसाल ने जब ये बात सुनी तो फूलों की डालियां एक दूसरे बालक को पकड़ाईं और गुस्से में बोले, ‘‘मेरे जीवित रहते हुए तुम लोग मेरी माता का मंदिर तोड़ोगे?
तभी एक सैनिक बोला, ‘‘तुम क्या कर लोगे?’’
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गुस्से में छत्रसाल उन घुड़सवारों पर टूट पड़े। छत्रसाल ने ऐसी वीरता दिखाई कि एक को मार गिराया, दूसरा बेहोश हो गया। बाकी बचे सैनिक भाग खड़े हुए। जब लोगों को घटना का पता चला तो उन्होंने छत्रसाल की खूब प्रशंसा की। आगे चलकर राजा छत्रसाल को मुगलों का काल कहा जाने लगा। मध्य प्रदेश का छतरपुर जिला राजा छत्रसाल के नाम पर रखा गया है जहां अब भी उनके वंशज रहते हैं।
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