Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Jan, 2024 01:31 PM
पंजाब के महान शासक महाराजा रणजीत सिंह ने इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। शुकरचकिया मिसल के सरदार महासिंह तथा माता हीरा के यहां रणजीत सिंह का जन्म हुआ। पंजाब में मिसलों के अधीन सिख
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Maharaja Ranjit Singh story: पंजाब के महान शासक महाराजा रणजीत सिंह ने इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। शुकरचकिया मिसल के सरदार महासिंह तथा माता हीरा के यहां रणजीत सिंह का जन्म हुआ। पंजाब में मिसलों के अधीन सिख राज अलग-अलग क्षेत्रों में पंजाब में केंद्रित था तथा अंग्रेजी शासन से मुक्त था उस समय उन मिसलों में आपसी मुद्दों तथा एक-दूसरे के क्षेत्रों में अधिकार पर खूनी टकराव भी होता रहता था जिनमें शुकरच किया मिसल के सरदार महा सिंह की बड़ी भूमिका थी तथा सिख मिसलों में उनका दबदबा था।
महाराजा रणजीत सिंह की एक आंख बचपन में चेचक की बीमारी के कारण चली गई लेकिन कुशल तथा बहादुर पिता के संरक्षण में रणजीत सिंह ने एक योद्धा तथा प्रशासक के गुण सीखे तथा माता हीरा देवी से भक्ति भाव तथा दयालुता ग्रहण की। पिता की मौत के बाद रणजीत सिंह ने बड़ी होशियारी तथा दूरदर्शिता से सिख मिसलों को एकत्रित करना शुरू किया तथा सिख राज में इनको समाहित करके एक विशाल सिख राज की स्थापना की।
अपने कुशल मंत्रियों, सिपहसालारों तथा कूटनीतिक योद्धाओं के बल पर रणजीत सिंह ने अपना साम्राज्य लाहौर से कश्मीर तक तथा उत्तरी भारत से पश्चिमी भारत तथा दूरदराज के क्षेत्रों और काबुल, कंधार तक फैलाया तथा कई लड़ाइयों का नेतृत्व किया। फकीर अजीजुद्दीन जैसे कुशल मंत्री तथा हरी सिंह नलवा जैसे महान योद्धाओं के द्वारा रणजीत सिंह का साम्राज्य बड़ी तेजी से दूरदराज के क्षेत्रों तक फैल गया तथा उसकी ख्याति देश-विदेश तक फैल गई।
महाराजा की दूरदर्शिता तथा कुशल राज्य प्रशासन से अंग्रेज भी अछूते न रहे तथा उन्होंने कई बार पंजाब को ब्रिटिश शासन का अंग बनाने का प्रयास किया परंतु महाराजा की मौजूदगी में उन्हें हर बार मुंह की खानी पड़ी। रणजीत सिंह ने संधि प्रस्तावों द्वारा उन्हें सतलुज के पार तक ही सीमित रखा तथा अपने साम्राज्य को समृद्ध किया।