Edited By Niyati Bhandari,Updated: 31 Dec, 2022 10:15 AM
महाराणा प्रताप के बेटे अमर सिंह ने युद्ध में मुगल सेनापति अब्दुल रहीम खां को परास्त कर दिया। इसके बाद उन्होंने मुगल सरदारों के साथियों, मुगलों के हरम को भी कब्जे में ले लिया।
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Maharana Pratap story: महाराणा प्रताप के बेटे अमर सिंह ने युद्ध में मुगल सेनापति अब्दुल रहीम खां को परास्त कर दिया। इसके बाद उन्होंने मुगल सरदारों के साथियों, मुगलों के हरम को भी कब्जे में ले लिया। महाराणा प्रताप को जब यह समाचार मिला तो वह बीमारी की हालत में ही युद्ध क्षेत्र में जाकर अमर सिंह पर गरज पड़े। उन्होंने कहा कि ऐसा गलत काम करने से पहले तू मर क्यों नहीं गया ? हमारी भारतीय संस्कृति को कलंकित करते हुए तुझे लाज नहीं आई।
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अमर सिंह अपने पिता के सामने लज्जित खड़े रहे। महाराणा प्रताप ने तत्काल मुगल हरम में पहुंच कर बड़ी बेगम को प्रणाम करते हुए कहा कि बड़ी बी साहिबा, जो सिर अकबर शहंशाह के सामने नहीं झुका, उसे आपके सामने झुकाता हूं। मेरे बेटे से जो अपराध हुआ उसे क्षमा करें। आप लोगों को बंदी बनाकर उसने हमारी संस्कृति का अपमान किया है। उधर, शहंशाह अकबर ने जब मुगल हरम की चिंता करते हुए सेनापति अब्दुल रहीम को फटकारा तो उसने बादशाह को आश्वस्त करते हुए कहा कि बेगम वहां उसी तरह महफूज हैं, जिस तरह शाही महल में रहती हैं। इस पर अकबर ने कहा, पर महाराणा प्रताप से हमारी जंग चल रही है।
इस पर सेनापति बोला कि बादशाह सलामत, महाराणा प्रताप हिन्दू संस्कृति के रक्षक हैं। वे बेगम को कुछ भी नहीं होने देंगे। शहंशाह अकबर शांत हुए, मगर उनकी फिक्र कम न हुई। जब दूसरे दिन राजकीय सम्मान के साथ शाही बेगम की पालकी आगरा पहुंची तो बादशाह अकबर ने कहा कि महाराणा प्रताप जैसा राजा इतिहास में कम ही पैदा होता है। वे हिन्दुस्तानी तहजीब एवं संस्कृति के भी सच्चे रखवाले हैं।