Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 Mar, 2024 11:17 AM
पौराणिक कथाओं की मानें तो महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप में हुआ था। कुछ अन्य कथाओं के अनुसार इस दिन शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। 8 मार्च
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Mahashivratri Upay 2024: पौराणिक कथाओं की मानें तो महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप में हुआ था। कुछ अन्य कथाओं के अनुसार इस दिन शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। 8 मार्च को शनिदेव के आराध्य देव भगवान शिव का महापर्व महाशिवरात्रि आ रहा है। संपूर्ण ब्रह्मांड में केवल भगवान शिव हैं, जो शनि देव के क्रोध को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त गुरु थे। उन्होंने ही शनि को कर्म न्यायाधीश होने की जिम्मेदारी सौंपी है। शनि प्रकोप से बचने के लिए महाशिवरात्रि से उपयुक्त दिन कोई नहीं हो सकता। अत: इस दिन श्रद्धा और आस्था से कुछ उपाय करके शनि को अपने अनुकूल कर सकते हैं-
शनि दोषों से मुक्ति के लिए महाशिवरात्रि के दिन शिव पूजा के दौरान शिवलिंग पर शमी का पत्ता चढ़ाएं और महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 1 माला जाप करें।
Mahamrityunjaya Mantra महामृत्युंजय मंत्र- ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ। ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ।
शिव चालीसा का पाठ करने वाले व्यक्ति पर शनि कभी अपनी कुदृष्टि नहीं डालते। वैसे तो प्रतिदिन सुबह और शाम शिव चालीसा पढ़नी चाहिए। संभव न हो तो सोमवार, त्रयोदशी और मासिक शिवरात्रि के दिन अवश्य पढ़ें। महाशिवरात्रि के दिन 108 बार शिव चालीसा का पाठ करें।
महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र के पेड़ की छाया में ब्राह्मणों, गरीबों और जरूरतमंदों को दूध और फल खिलाएं। इस उपाय से गुरु और शिष्य यानी भगवान शिव और शनि दोनों प्रसन्न होंगे।
शनि के प्रकोप से राहत चाहते हैं तो महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर गंगाजल में काले तिल और शक्कर डालकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें।